
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 24 अप्रैल 2025 को इस्लामाबाद में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (एनएससी) की एक अहम बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बुलाई गई थी, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।
इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा हालात और क्षेत्रीय स्थिति पर गंभीर चर्चा की गई और कई बड़े और चौंकाने वाले फैसले लिए गए। बैठक में पाकिस्तान की सेनाओं के प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और तमाम बड़े मंत्री मौजूद थे।
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ उठाए ये कड़े कदम:
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भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए गए।
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इसमें शिमला समझौता भी शामिल है, जो दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने का एक ऐतिहासिक समझौता था।
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पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया है।
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इससे भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली सीमावर्ती आवाजाही रुक गई है।
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पाकिस्तान ने भारत के लिए अपना एयरस्पेस भी बंद कर दिया है।
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इससे भारत से पाकिस्तान जाने वाली और आने वाली उड़ानों पर प्रभाव पड़ेगा।
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पाकिस्तान सरकार ने आदेश दिया है कि 30 अप्रैल 2025 तक सभी भारतीय नागरिक पाकिस्तान छोड़ दें।
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यह फैसला पाकिस्तान में रह रहे भारतीय कारोबारियों, छात्रों और अन्य नागरिकों पर प्रभाव डालेगा।
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सिंधु जल संधि को लेकर भारत की ओर से लिए गए फैसले को पाकिस्तान ने खारिज कर दिया है।
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भारत ने आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने की बात कही थी, जिसे पाकिस्तान ने युद्ध की चेतावनी के रूप में देखा है। पाकिस्तान का कहना है कि यह 24 करोड़ पाकिस्तानियों की जीवन रेखा है, और अगर भारत ने पानी रोका, तो इसे “युद्ध की कार्यवाही” माना जाएगा।
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पाकिस्तान का बयान
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बैठक के बाद कहा,
“हम पाकिस्तान की सुरक्षा और संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। अगर भारत ने हमारी जल आपूर्ति को रोका, तो हम इसे युद्ध समझेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ यह मुद्दा उठाएगा और संयुक्त राष्ट्र में भी अपनी बात रखेगा।
क्षेत्रीय तनाव बढ़ने की आशंका
इन कड़े कदमों से यह साफ है कि भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते और ज्यादा बिगड़ सकते हैं। दोनों देशों की सेनाएं पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं और सीमा पर तनाव का माहौल बना हुआ है। अब देखने वाली बात यह होगी कि भारत सरकार पाकिस्तान के इन फैसलों पर क्या प्रतिक्रिया देती है।
यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नजरों में आ गया है, और आने वाले दिनों में बड़ी कूटनीतिक हलचलों की उम्मीद की जा रही है।