
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव का सीधा असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार पर दिखने लगा है। पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (PSX) में शुक्रवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। लगातार दो दिनों में KSE-100 इंडेक्स 2500 से ज्यादा अंक गिर चुका है, जिससे निवेशकों में दहशत का माहौल बन गया है।
🔻 KSE-100 में तेज गिरावट
शुक्रवार सुबह कारोबारी सत्र शुरू होते ही केएसई-100 इंडेक्स में 2.12% की गिरावट दर्ज की गई। इंडेक्स 114,740.29 अंकों पर आ गया। यह गिरावट इतनी तेज थी कि कुछ मिनटों के लिए PSX की वेबसाइट भी बंद हो गई। वेबसाइट पर “We’ll be back soon” का संदेश दिखा, जिससे अफवाहों ने और रफ्तार पकड़ ली कि बाजार में कुछ बड़ा गड़बड़ हुआ है।
वेबसाइट डाउन और अफवाहें
भले ही स्टॉक एक्सचेंज प्रबंधन ने दावा किया कि वेबसाइट बंद होना “रूटीन मेंटेनेंस” का हिस्सा था, लेकिन गिरती मार्केट और अचानक वेबसाइट बंद होने से निवेशकों में और घबराहट फैल गई। सोशल मीडिया पर अफवाहें तेजी से फैलने लगीं, जिससे बाजार में और भी ज्यादा गिरावट देखी गई।
IMF ने घटाया पाकिस्तान का विकास दर अनुमान
इस संकट की घड़ी में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी पाकिस्तान के आर्थिक हालातों पर चिंता जताई है। IMF ने अपने ताजा वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में पाकिस्तान की आर्थिक विकास दर का अनुमान घटाकर 2.6% कर दिया है। IMF के मुताबिक, राजनीतिक अस्थिरता, आतंकवाद और भारत के साथ तनाव बढ़ने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है।
भारत के कड़े कदमों का असर
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत सरकार ने कई सख्त फैसले लिए हैं, जैसे कि:
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सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया
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अटारी-वाघा बॉर्डर बंद कर दिया गया
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सार्क वीज़ा छूट योजना रद्द कर दी गई
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पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा कैंसिल कर दिए गए
इन फैसलों से पाकिस्तान की कूटनीतिक स्थिति के साथ-साथ आर्थिक हालात और भी बिगड़ते नज़र आ रहे हैं।
स्थानीय मीडिया की चेतावनी
पाकिस्तानी अख़बार “डॉन” ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है,
“भारत की आक्रामक रणनीति और युद्ध जैसे हालात की आशंका ने पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था को और संकट में डाल दिया है।”
क्या आगे और गिर सकता है बाजार?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता रहा, तो पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में और गिरावट संभव है। विदेशी निवेशक पहले ही पैसे निकाल रहे हैं और स्थानीय निवेशक भी सतर्क हो गए हैं।
पाकिस्तान के लिए यह आर्थिक मोर्चे पर अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण वक्त माना जा रहा है।