
कनाडा में 28 अप्रैल को आम चुनाव होने जा रहे हैं और चुनावी माहौल पूरी तरह से गरमा चुका है। सत्ता में बैठी लिबरल पार्टी और विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी, दोनों ही अपनी पूरी ताकत झोंक चुके हैं। चुनाव से पहले सभी उम्मीदवारों ने मतदाताओं से अंतिम अपीलें करनी शुरू कर दी हैं।
कंजरवेटिव नेता ने लिबरल सरकार पर साधा निशाना
विपक्ष के नेता पियरे पोएलिवरे ने लिबरल पार्टी पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि लिबरल पार्टी के राज में देश में खर्चे बढ़े हैं, टैक्स ज्यादा लगे हैं और आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। पियरे ने चेतावनी दी कि अगर लिबरल पार्टी फिर सत्ता में आई तो खर्च और टैक्स दोनों और बढ़ जाएंगे। उन्होंने कहा, “हमें और चार साल लिबरल सरकार के नहीं झेलने चाहिए। हमें अब बदलाव की जरूरत है।”
मौजूदा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी का वादा
वहीं, लिबरल पार्टी के मौजूदा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भी अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है। कार्नी ने वादा किया है कि अगर वह फिर से सत्ता में आए तो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ का मजबूती से मुकाबला करेंगे। उन्होंने कहा कि कनाडा को अपनी आर्थिक सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। कार्नी ने कहा, “हमें ट्रंप के टैरिफ का जवाब अपने टैरिफ लगाकर देना चाहिए, ताकि उनका असर हमारे देश पर कम हो और हम अपने श्रमिकों को सुरक्षित रख सकें।”
ट्रूडो की नीति जैसी नीति
चुनावी विश्लेषकों के मुताबिक, मार्क कार्नी की नीति काफी हद तक पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की नीति जैसी नजर आ रही है — ज्यादा खर्च, ज्यादा टैक्स और अपराधियों पर नरमी। इसको लेकर विपक्ष ने उन्हें खूब घेरा है। पियरे पोएलिवरे ने जोर देकर कहा कि अब कनाडा को एक मजबूत बदलाव की जरूरत है और वह खुद इस बदलाव को लाने के लिए तैयार हैं।
देश में बदलाव की मांग तेज
चुनाव से ठीक पहले जनता में भी बदलाव की मांग तेजी से उठ रही है। देश के अलग-अलग हिस्सों से मिल रहे संकेत बता रहे हैं कि लोग अब नई दिशा और नई ऊर्जा चाहते हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि 28 अप्रैल को जनता किसे मौका देती है — पुराने अनुभव को या नए बदलाव को।