
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की जांच अब एनआईए (NIA) कर रही है। इस हमले में कई निर्दोष लोग मारे गए थे, जिससे पूरे देश में गुस्सा फैल गया। जांच के दौरान एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है – घटना के समय उस इलाके में एक संदिग्ध ‘Huawei सैटेलाइट फोन’ सक्रिय था। गौरतलब है कि Huawei एक चीनी कंपनी है और भारत में इसके सैटेलाइट प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध है।
चीनी सैटेलाइट फोन से जुड़ी साजिश
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह सैटेलाइट फोन या तो पाकिस्तान से या किसी और विदेशी नेटवर्क से भारत में अवैध तरीके से लाया गया था। फोन की मौजूदगी से संदेह और गहरा गया है कि आतंकियों को हमले के समय बाहरी मदद मिल रही थी। जांच एजेंसियां इस बात की भी तहकीकात कर रही हैं कि फोन के जरिए किससे और किस तरह का संपर्क किया गया था।
हमले के दौरान 10 लोगों ने की थी सीक्रेट चैटिंग
सूत्रों के अनुसार, हमले के दौरान और उससे पहले कम से कम 10 लोग एन्क्रिप्टेड ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे थे। ये लोग अपने हैंडलर्स से चैटिंग और कॉलिंग कर रहे थे ताकि हमले को अंजाम दिया जा सके। हालांकि, भीड़भाड़ और भारी लोगों की मौजूदगी की वजह से आतंकियों के ड्रोन हमले की योजना फेल हो गई।
NIA ने संभाली जांच की कमान
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस हमले की जांच अपने हाथों में ले ली है। एक वरिष्ठ पुलिस महानिरीक्षक, एक उपमहानिरीक्षक और एक पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में टीम बनाई गई है। यह टीम बैसरन घाटी और आसपास के इलाकों में प्रवेश और निकास के सभी रास्तों की बारीकी से जांच कर रही है ताकि आतंकियों के मूवमेंट का पता लगाया जा सके।
गवाहों से हो रही गहन पूछताछ
अधिकारियों ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों से लगातार पूछताछ की जा रही है ताकि घटना से जुड़े हर छोटे-बड़े विवरण का पता लगाया जा सके। इसके अलावा फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से घटनास्थल से सबूत जुटाए जा रहे हैं। जांच एजेंसियां हर पहलू पर ध्यान दे रही हैं ताकि हमले की पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके।
पहलगाम हमला एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा लगता है, जिसमें विदेशी उपकरणों और तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया। अब सभी की निगाहें NIA पर टिकी हैं कि वह जल्द से जल्द इस भयावह हमले के पीछे के गुनहगारों को बेनकाब कर पाएगी।