
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने फैसले को लेकर चर्चा में आ गए हैं। इस बार उन्होंने एक ऐसा कार्यक्षम आदेश (Executive Order) जारी किया है, जो अमेरिका में ट्रक चलाने वाले हज़ारों ड्राइवरों के भविष्य पर असर डाल सकता है। इस नए आदेश के अनुसार, अब अमेरिका में ट्रक ड्राइवर बनने के लिए अंग्रेज़ी भाषा में निपुणता अनिवार्य कर दी गई है।
पंजाबी और सिख समुदाय में चिंता की लहर
ट्रंप के इस फैसले से अमेरिका में बसे पंजाबी और खासतौर पर सिख समुदाय में गहरी चिंता देखी जा रही है। लाखों पंजाबी प्रवासी अमेरिका में ट्रक ड्राइवर के रूप में काम करते हैं, और इनमें से कई को अंग्रेज़ी भाषा में कठिनाई होती है। नए नियम से उनके लिए रोज़गार के अवसरों में बाधा आ सकती है।
सिख संगठनों का कहना है कि यह आदेश भेदभावपूर्ण प्रभाव डाल सकता है और एक प्रकार से समुदाय विशेष को निशाना बनाता है।
ट्रंप का तर्क: “अंग्रेज़ी सुरक्षा के लिए ज़रूरी”
कार्यक्षम आदेश में ट्रंप ने कहा है कि, “प्रोफेशनल ड्राइवरों के लिए अंग्रेज़ी जानना एक सुरक्षा की आवश्यकता है। उन्हें ट्रैफिक साइन पढ़ने, अधिकारियों से संवाद करने, और सीमावर्ती प्रक्रियाओं को समझने में सक्षम होना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि अंग्रेज़ी भाषा को संयुक्त राज्य की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया है और इसके अनुरूप सभी ड्राइवरों को तैयार रहना चाहिए।
ट्रकिंग उद्योग में सिखों की बड़ी भूमिका
‘द इकोनॉमिस्ट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 1.5 लाख सिख ट्रकिंग उद्योग में कार्यरत हैं, जिनमें से लगभग 90 प्रतिशत ट्रक ड्राइवर हैं। सिख समुदाय का ट्रकिंग क्षेत्र में अहम योगदान है और उनका कहना है कि यह नया आदेश उनकी आजीविका पर सीधा हमला है।
सिख संगठन बोले – “यह अव्यवहारिक कदम है”
‘सिख कोलिशन’ नामक संस्था ने कहा कि वे इस फैसले से बेहद चिंतित हैं। उनका कहना है कि ट्रक ड्राइवरों का काम मुख्य रूप से सड़क पर सुरक्षित ड्राइविंग और नियमों का पालन करना होता है, न कि अंग्रेज़ी में दक्षता दिखाना।
उन्होंने यह भी कहा कि यह आदेश परिवहन मंत्री सीन डफी को अंग्रेज़ी परीक्षण की निगरानी को सख्त करने के लिए निर्देशित करता है, जिससे कई योग्य ड्राइवर बाहर हो सकते हैं।
क्या यह रोजगार में बाधा डालेगा?
कई लोगों का मानना है कि इस फैसले के कारण अब नए ड्राइवरों को रोजगार मिलना मुश्किल हो जाएगा, खासकर वे जो हाल ही में अमेरिका आए हैं या जिनकी पहली भाषा अंग्रेज़ी नहीं है। इसमें बड़ी संख्या सिख और पंजाबी प्रवासियों की है जो ट्रकिंग उद्योग पर निर्भर हैं।