
पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर तनाव एक बार फिर तेज हो गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक सख्त लहजे में चिट्ठी लिखते हुए कहा है कि “पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है।”
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पंजाब के खिलाफ साजिश रच रही है और जबरन पंजाब के पानी पर डाका डालना चाहती है। उन्होंने दो टूक कहा कि वे किसी भी कीमत पर पंजाब के लोगों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
क्या है मामला?
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने हाल ही में मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक पत्र लिखकर पानी देने की मांग की थी और 48 घंटे में जवाब देने को कहा था। लेकिन इसके जवाब में मान ने कोई औपचारिक पत्र नहीं भेजा बल्कि एक वीडियो संदेश जारी करते हुए स्पष्ट कहा कि “हरियाणा को एक बूंद भी पानी नहीं दे सकते।”
भगवंत मान ने लिखा कि पंजाब खुद पानी की भारी कमी से जूझ रहा है और यहां के खेतों, किसानों और लोगों के लिए ही पानी पर्याप्त नहीं है, ऐसे में दूसरे राज्य को पानी देना असंभव है।
भाजपा पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री मान ने अपनी चिट्ठी में यह भी आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर पंजाब को पानी के मुद्दे पर उलझाना चाहती है। उन्होंने कहा कि केंद्र और भाजपा सरकारें बार-बार पंजाब को नजरअंदाज कर रही हैं और अब हमारे प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार जमाना चाहती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ पानी का नहीं बल्कि पंजाब के हक और अस्तित्व का सवाल है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे राज्य के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे और जरूरत पड़ी तो इसे लेकर संघर्ष भी करेंगे।
विवाद की पृष्ठभूमि
पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर विवाद SYL (सतलुज-यमुना लिंक) नहर के मुद्दे से जुड़ा है, जो वर्षों से लंबित है। हरियाणा लंबे समय से इस नहर के माध्यम से पानी की मांग कर रहा है जबकि पंजाब का कहना है कि उसके पास खुद ही पर्याप्त पानी नहीं है।
इस ताज़ा बयानबाज़ी और चिट्ठियों के बाद पंजाब और हरियाणा के बीच का पानी विवाद एक बार फिर गर्म हो गया है। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इसमें क्या भूमिका निभाती है और आगे इस मुद्दे पर क्या समाधान निकलता है।