
पंजाब सरकार ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) की प्रस्तावित बैठक को लेकर बड़ा और सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि पंजाब इस मीटिंग का हिस्सा नहीं बनेगा। पंजाब ने इसे पूरी तरह “गैर-संवैधानिक” और “गैर-कानूनी” करार दिया है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 1976 के रेगुलेशन की धारा 7 के तहत BBMB की किसी भी बैठक से कम से कम सात दिन पहले विधिवत सूचना देना अनिवार्य होता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। पंजाब सरकार का कहना है कि जब तक बोर्ड नियमानुसार प्रक्रिया का पालन नहीं करता, वह ऐसी बैठकों में हिस्सा नहीं लेगा।
इससे पहले भी पंजाब सरकार ने BBMB को एक औपचारिक पत्र भेजकर इस बैठक को स्थगित करने की मांग की थी। पत्र में लिखा गया था कि नियमानुसार समय पर सूचना न मिलने के कारण बैठक का आयोजन सही नहीं है, और इसे स्थगित करना चाहिए।
इस पूरे मामले को लेकर पंजाब सरकार ने अपना रुख काफी स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने संवैधानिक अधिकारों से कोई समझौता नहीं करेगी। सरकार का मानना है कि ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अगर नियमों को नजरअंदाज किया जाएगा, तो इससे राज्य के हितों को नुकसान पहुंच सकता है।
यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है जब हाल ही में पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर तनाव गहराया है। BBMB जैसी संस्थाएं जब पारदर्शिता और नियमों के अनुसार काम नहीं करतीं, तो इससे राज्यों के बीच और भी अधिक तनाव पैदा हो सकता है।
पंजाब सरकार का यह रुख इस बात का संकेत है कि वह अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हर स्तर पर मजबूती से खड़ी है।