पंजाब-हरियाणा पानी विवाद: पंजाब बीजेपी ने लिया सख्त रुख, कहा– हरियाणा को नहीं देंगे अतिरिक्त पानी

पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे पानी के विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। इस मुद्दे पर अब पंजाब की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी अपना सख्त रुख स्पष्ट कर दिया है। पंजाब बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और विधायक अश्वनी शर्मा ने कहा है कि पार्टी पंजाब के हक में खड़ी है और हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के खिलाफ है।
पंजाब के पास अतिरिक्त पानी नहीं: अश्वनी शर्मा
विधानसभा परिसर के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए अश्वनी शर्मा ने साफ कहा कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर बीजेपी पहले ही सर्वदलीय बैठक में अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुकी है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार को तीन साल हो चुके हैं, लेकिन अब जाकर यह विवाद क्यों खड़ा किया जा रहा है?
समाधान बातचीत से ही संभव
अश्वनी शर्मा ने सुझाव दिया कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों का समाधान बातचीत और आपसी सहमति से ही निकाला जाना चाहिए, न कि राजनीतिक फायदे के लिए इसे हवा दी जाए। उन्होंने कहा कि पानी जैसे संसाधन भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेहद जरूरी हैं, इसलिए जल्दबाजी या दबाव में कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए।
कांग्रेस का भी विरोध, ‘एक बूंद भी नहीं देंगे’
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है। विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि “हमारे पास देने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं है।” उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को चाहिए कि वह केंद्र और बीबीएमबी के दबाव में न आकर एक मजबूत फैसला ले, ताकि राज्य के बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
सिंचाई मंत्री ने केंद्र सरकार की आलोचना की
पंजाब के सिंचाई मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब शुरू से ही डैम सेफ्टी एक्ट के खिलाफ है और बीबीएमबी द्वारा 30 अप्रैल को दिए गए आदेश का विरोध करता है। उन्होंने कहा कि यह वही कानून है जिसके तहत पंजाब का पानी जबरन हरियाणा को देने की बात की जा रही है।
बीबीएमबी का आदेश और पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र
गौरतलब है कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने 30 अप्रैल को एक आदेश जारी कर पंजाब को हरियाणा को 8500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने को कहा है। जबकि अभी तक पंजाब केवल 4000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी ही दे रहा था। इसी को लेकर आज पंजाब विधानसभा में एक विशेष एकदिवसीय सत्र बुलाया गया, जिसमें इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की गई।
पानी के इस विवाद ने एक बार फिर से पंजाब और हरियाणा के रिश्तों में तल्खी बढ़ा दी है। सभी दलों ने एक सुर में पंजाब के हक में बोलते हुए साफ कर दिया है कि राज्य के पास अतिरिक्त पानी नहीं है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार और संबंधित विभाग इस मसले का क्या समाधान निकालते हैं।