
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने अपनी एक रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि यह तनाव पाकिस्तान की पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था को और अधिक संकट में डाल सकता है।
पाकिस्तान को ज्यादा खतरा, भारत पर असर सीमित
मूडीज का कहना है कि अगर यह तनाव लंबे समय तक बना रहता है, तो इससे पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता को बड़ा झटका लग सकता है। हालांकि भारत पर इसका असर अभी सीमित रहेगा। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था हाल के महीनों में कुछ हद तक संभली थी, खासकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मदद से शुरू किए गए आर्थिक सुधारों के कारण। लेकिन बढ़ता तनाव इन प्रयासों पर पानी फेर सकता है।
मूडीज ने चेताया कि भारत के साथ तनाव से पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ेगा। पहले से ही पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार बेहद कम है, और आने वाले कुछ वर्षों में उसे भारी विदेशी कर्ज चुकाना है। ऐसे में अगर तनाव के चलते अंतरराष्ट्रीय फंडिंग में रुकावट आती है, तो पाकिस्तान की स्थिति और बिगड़ सकती है।
पाकिस्तान सरकार का ध्यान बंट सकता है
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत के साथ तनाव बढ़ता है, तो पाकिस्तान सरकार का ध्यान वित्तीय सुधारों और आर्थिक नीतियों से हटकर सुरक्षा और रक्षा पर केंद्रित हो सकता है। इसका नतीजा यह होगा कि लंबे समय तक आर्थिक सुधारों की गति धीमी पड़ जाएगी और विदेशी निवेश भी प्रभावित हो सकता है।
भारत को फिलहाल चिंता नहीं, पर दीर्घकालीन असर संभव
जहां तक भारत की बात है, मूडीज का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार बहुत कम है। 2024 में पाकिस्तान को भारत की कुल निर्यात का केवल 0.5% से भी कम हिस्सा गया था। इसलिए व्यापारिक मोर्चे पर इस तनाव का भारत पर ज्यादा असर नहीं होगा।
हालांकि, मूडीज ने यह भी कहा कि अगर यह तनाव लंबे समय तक बना रहता है, तो भारत को भी कुछ मुश्किलें आ सकती हैं। खासतौर पर रक्षा बजट में बढ़ोतरी की जरूरत पड़ सकती है, जिससे सरकार का कुल बजट प्रभावित होगा और वित्तीय सुधारों की रफ्तार धीमी हो सकती है।
मूडीज की रेटिंग्स और अनुमान
मूडीज ने पाकिस्तान को CAA2 रेटिंग दी है, हालांकि उसका आउटलुक पॉजिटिव बताया गया है। वहीं भारत को BAA3 रेटिंग मिली है, जिसका आउटलुक स्थिर है। मूडीज का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनाव बना हुआ है और समय-समय पर टकराव की स्थितियां पैदा होती रहती हैं। हालांकि एजेंसी का मानना है कि मौजूदा तनाव सीधी लड़ाई में नहीं बदलेगा।
असली चिंता क्या है?
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चिंता उसका भारी विदेशी कर्ज और IMF पर निर्भरता है। IMF से मिली मदद और कर्ज राहत की कोशिशें अगर राजनीतिक तनाव के कारण प्रभावित होती हैं, तो पाकिस्तान के लिए हालात और मुश्किल हो सकते हैं।
भारत के लिए चिंता का विषय सीमित है, लेकिन अगर यह तनाव महीनों या वर्षों तक बना रहता है, तो रक्षा क्षेत्र में खर्च बढ़ेगा, जिससे बाकी आर्थिक योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। इसके बावजूद मूडीज का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत है कि वह इस तरह के तनावों को झेल सकती है।