
पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के खिलाफ भारत द्वारा की गई एयरस्ट्राइक के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देशभर में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय ने 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल करवाने का आदेश जारी किया है। इस मॉक ड्रिल का मकसद नागरिकों की रक्षा से जुड़ी तैयारियों का मूल्यांकन करना और इमरजेंसी स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने की क्षमता को परखना है।
इस योजना के तहत पंजाब के 17 जिलों को चिन्हित किया गया है, जहां मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसमें अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, पठानकोट, बर्नाला, भाखड़ा-नंगल, कोटकपूरा, बटाला, मोहाली, अबोहर, फरीदकोट, रोपड़ और संगरूर शामिल हैं।
इस मॉक ड्रिल के दौरान पूरे क्षेत्र में ब्लैकआउट किया जाएगा यानी सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी। साथ ही हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे, ताकि लोगों को यह अहसास हो सके कि अगर असल में कोई हमला होता है, तो उन्हें क्या करना चाहिए। मॉक ड्रिल में पुलिस, एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) और अन्य राहत टीमें भाग लेंगी और लोगों को आपातकालीन स्थिति में बचाव के तरीके बताएंगे।
इस अभ्यास के दौरान आम लोगों को यह सिखाया जाएगा कि हमले के समय सुरक्षित जगह पर कैसे पहुंचा जाए और किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा कि जब सायरन बजे, तो तुरंत शरण लें और जरूरी निर्देशों का पालन करें।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। यह पहली बार है जब इतनी व्यापक स्तर पर देशभर में मॉक ड्रिल की योजना बनाई गई है। इसका उद्देश्य न केवल सुरक्षाबलों की तैयारी जांचना है, बल्कि आम जनता को भी जागरूक और सतर्क करना है।
प्रशासनिक स्तर पर भी इस ड्रिल के जरिए यह जांचा जाएगा कि इमरजेंसी के समय संसाधनों और व्यवस्थाओं को कैसे सक्रिय किया जाए। इन मॉक ड्रिल्स को सुरक्षा व्यवस्था की कसौटी माना जाता है, ताकि भविष्य में किसी भी वास्तविक हमले की स्थिति में जान-माल का कम से कम नुकसान हो।
इस कवायद से साफ है कि सरकार किसी भी आपदा या हमले के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहती है और नागरिकों को भी इसके लिए सजग कर रही है।