
आज भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच एक अहम बैठक होने जा रही है, जिसका उद्देश्य हाल ही में बनी युद्धविराम सहमति को और मजबूत करना है। इस बातचीत से दोनों देशों के बीच तनाव कम होने और सीमा पर शांति कायम रहने की उम्मीद जताई जा रही है।
कौन होंगे शामिल?
भारत की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई DGMO स्तर की इस बैठक का नेतृत्व करेंगे, जबकि पाकिस्तान की तरफ से मेजर जनरल काशिफ चौधरी हिस्सा लेंगे। यह बातचीत आज दोपहर 12 बजे शुरू होगी और इसमें खास तौर पर सीमा पर शांति बनाए रखने के तरीकों पर चर्चा होगी।
पिछले चार दिन का तनाव
यह वार्ता ऐसे समय पर हो रही है जब पिछले चार दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर भारी सैन्य तनाव देखने को मिला है। सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के कारण दोनों देशों की सेनाएं अलर्ट पर थीं। लेकिन 10 मई को दोनों पक्षों ने एक साथ सैन्य कार्रवाइयों पर विराम लगाने का फैसला किया था।
उम्मीदें क्या हैं?
DGMO स्तर की इस बातचीत से यह आशा की जा रही है कि युद्धविराम की शर्तों को दोबारा मजबूत किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में कोई उल्लंघन न हो। साथ ही दोनों देश एक स्थिर और सुरक्षित माहौल बनाने की दिशा में काम करें।
प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होगी
सूत्रों के अनुसार, बातचीत के बाद आज दोनों देशों के DGMO अधिकारियों द्वारा एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जाएगी। इसमें सीमा पार भारतीय वायुसेना के हालिया ऑपरेशन और उसके असर पर विशेष चर्चा होगी।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की बड़ी कार्रवाई
भारत की तरफ से हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया, जो कि 10 मई को पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था। इस ऑपरेशन में भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में मौजूद आतंकियों के नौ बड़े ठिकानों को निशाना बनाया।
बड़े आतंकी ढेर
इस ऑपरेशन में भारत ने 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया। इन आतंकियों में कई बड़े नाम शामिल थे जैसे — यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद। ये सभी लंबे समय से भारत के लिए खतरा माने जा रहे थे।
तीनों सेनाओं की साझा सफलता
इस मिशन में लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल ए. एन. प्रमोद और एयर मार्शल ए. के. भारती ने अहम भूमिका निभाई। इन अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई न सिर्फ सफल रही, बल्कि आतंक के ढांचे को कमजोर करने में एक निर्णायक कदम भी साबित हुई।
DGMO स्तर की यह बातचीत दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और शांति कायम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में युद्धविराम का पूरी तरह पालन होगा और क्षेत्र में स्थिरता लौटेगी।