
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर समझौते के बाद जम्मू-कश्मीर और एलओसी से सटे क्षेत्रों में बीती रात (11-12 मई 2025) शांति बनी रही। भारतीय सेना ने जानकारी दी है कि इस दौरान किसी भी तरह की गोलीबारी या उकसावे की घटना दर्ज नहीं हुई है। ये हालात खास इसलिए माने जा रहे हैं क्योंकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह पहली बार है जब सीमा पार से कोई हरकत नहीं हुई।
10 मई को हुआ था सीजफायर का एलान
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई की शाम एक सीजफायर समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देशों ने सीमा पर शांति बनाए रखने का वादा किया था। लेकिन यह शांति ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी। महज तीन घंटे के भीतर ही पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन हमलों के ज़रिए सीजफायर तोड़ा गया।
भारतीय सेना का मुंहतोड़ जवाब
पाकिस्तान द्वारा भारत के कई शहरों पर किए गए ड्रोन हमलों का भारतीय सेना ने त्वरित और सटीक जवाब दिया। सभी ड्रोन को मार गिराया गया और किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। सेना के अनुसार, इन हमलों का मकसद दहशत फैलाना था, लेकिन भारत पूरी तरह से सतर्क और तैयार था।
पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव
पहलगाम में 7 मई को हुए आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान की तरफ से लगातार उकसावे की कार्रवाइयाँ हो रही थीं। 7 से 10 मई के बीच सीमावर्ती इलाकों में गोलीबारी, रॉकेट हमले और ड्रोन अटैक देखने को मिले। पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत ने हर हमले को नाकाम कर दिया।
पड़ोसी को भारी नुकसान
भारतीय सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान और पीओके में कई आतंकी ठिकानों को तबाह किया है। इन ऑपरेशनों में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ है और कई आतंकियों के मारे जाने की खबरें हैं।
सेना अलर्ट पर, जनता से सहयोग की अपील
भले ही फिलहाल बॉर्डर शांत हो, लेकिन भारतीय सेना पूरी तरह सतर्क है। सेना ने स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को दें। साथ ही, अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की भी अपील की गई है।
सीजफायर के बाद आई यह शांति एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। आने वाले दिनों में DGMO स्तर की बातचीत से शांति को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।