
शनिवार को चंडीगढ़ में एक अहम सर्वदलीय बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, मुख्यमंत्री भगवंत मान और सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पंजाब के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पंजाब के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की जरूरत पर जोर दिया।
सुनील जाखड़ ने पंजाब की सीमावर्ती स्थिति और उससे जुड़े आर्थिक नुकसान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सिर्फ मौजूदा हालात ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी पंजाब ने सरहद पर रहते हुए बहुत कुछ झेला है। जाखड़ ने रविवार को लुधियाना के डीएमसी अस्पताल में फिरोजपुर के उन पीड़ितों से भी मुलाकात की जो हाल ही में एक गांव में हुई गोलीबारी और ड्रोन हमलों में घायल हुए थे।
विशेष दर्जा देने की मांग
जाखड़ ने सुझाव दिया कि पंजाब को भी जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों की तरह विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। उनका मानना है कि इससे पंजाब को आर्थिक और विकास से जुड़ी नीतियों में दीर्घकालिक लाभ मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान, व्यापारी और सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग पाकिस्तान की नजदीकी के कारण विशेष परिस्थितियों में जीते हैं। यहां व्यापारिक मार्ग सीमित हैं, निवेश में झिझक देखी जाती है और किसान अक्सर अनिश्चितताओं का सामना करते हैं।
जवानों और युवाओं के लिए अवसरों की जरूरत
सुनील जाखड़ ने यह भी कहा कि पंजाब के नौजवान अपनी काबिलियत के अनुसार बेहतर अवसरों के हकदार हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि पंजाब को संरचनात्मक और स्थायी आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि राज्य का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
सभी पार्टियों का समर्थन
इस बैठक में उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे पंजाब के हित में इस विशेष आर्थिक पैकेज की मांग को लेकर केंद्र सरकार से संयुक्त रूप से अपील करें। जाखड़ की इस मांग का बैठक में मौजूद सभी दलों ने स्वागत किया, जिनमें राज्यपाल भी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भाजपा पंजाब की ओर से केंद्र सरकार के वरिष्ठ नेताओं से सक्रिय संपर्क किया जाएगा ताकि पंजाब के जायज़ मुद्दे—विशेष दर्जा, आर्थिक सहायता और सरहदी समस्याओं—को स्पष्टता और प्रतिबद्धता के साथ सामने रखा जा सके।
इस पहल का उद्देश्य है कि पंजाब के किसान, व्यापारी, युवा और आम नागरिक जो लंबे समय से उपेक्षा झेलते आए हैं, उन्हें उचित सुविधाएं और समर्थन मिले, जिससे राज्य को मजबूती और तरक्की की दिशा में बढ़ाया जा सके।