
पंजाब के अमृतसर ज़िले के मजीठा इलाके से एक बेहद दुखद घटना सामने आई है। यहां ज़हरीली शराब पीने से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 8 अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। इनमें से चार लोग तो इतने गंभीर हैं कि वे बोलने की स्थिति में भी नहीं हैं। सभी बीमारों का इलाज अमृतसर के एक सरकारी अस्पताल में चल रहा है।
मरने वालों में मराड़ी कला, भंगाली कला, पतालपुरी, थरीयेवाल, तलवंडी खुंमण और करनाला जैसे गांवों के लोग शामिल हैं। यह घटना सामने आने के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गया है। अब तक इस मामले में ज़हरीली शराब बेचने के आरोप में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस पूछताछ कर रही है कि यह ज़हरीली शराब कहां से आई और किन माध्यमों से इन गांवों तक पहुंचाई गई।
इस घटना के चलते मजीठा थाने के एसएचओ अवतार सिंह और डीएसपी अमोलक सिंह को ड्यूटी में लापरवाही के चलते तुरंत सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री भगवंत मान भी आज दोपहर मजीठा पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री मान ने मरने वालों के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी परिवार में कोई सदस्य नौकरी के योग्य है, तो सरकार उसे सरकारी नौकरी भी देगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी पीड़ित परिवार का चूल्हा नहीं बुझने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस घटना को सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि एक “कत्ल” बताया। उन्होंने कहा कि मजीठा और काथूनंगल क्षेत्र के कई गांवों में यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है, और इसकी पूरी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और इस कांड की कड़ियाँ दिल्ली तक जुड़ी हुई हैं। दिल्ली में भी पुलिस की एक टीम छानबीन कर रही है।
सीएम मान ने इस पूरी घटना के लिए केवल अपराधियों को ही नहीं, बल्कि राजनीतिक संरक्षण और अफसरशाही को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने साफ कहा कि ऐसा गैरकानूनी कारोबार बिना राजनीतिक और अफसरशाही की मिलीभगत के चल ही नहीं सकता।
उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो। इस घटना ने पूरे पंजाब को झकझोर दिया है, और सरकार की नज़र अब उन सभी पर है जो ज़हरीली शराब के इस काले कारोबार से जुड़े हुए हैं।
पंजाब सरकार की यह सख्त कार्रवाई और सीएम का यह दौरा लोगों को यह संदेश देता है कि राज्य सरकार इस तरह की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषियों को सख़्त सज़ा दिलवाई जाएगी।