
पंजाब में ज़मीन या मकान की रजिस्ट्री करवाने वालों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। अब लोगों को तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, क्योंकि राज्य सरकार एक नई डिजिटल रजिस्ट्री व्यवस्था शुरू करने जा रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद इस योजना की जानकारी दी और बताया कि यह नई सुविधा इसी महीने के अंत तक लागू कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान हाल ही में लुधियाना में एक हाई लेवल पुल के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे। वहां उन्होंने कहा कि अब पंजाब में रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह सिस्टम 15-20 दिनों के अंदर पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
अब कैसे होगी रजिस्ट्री?
इस नई प्रणाली के तहत, रजिस्ट्री सेवा केंद्रों (Seva Kendra) के ज़रिए की जाएगी। अब आम लोगों को रजिस्ट्री के लिए तहसीलों में लाइन लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। लोग सेवा केंद्र पर जाकर प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
रजिस्ट्री की प्रक्रिया को इतना सरल बनाया जा रहा है कि अब केवल फोटो खिंचवाने के लिए ही व्यक्ति को अदालत या कचहरी जाना पड़ेगा। बाकी की प्रक्रिया ऑनलाइन और घर बैठे पूरी होगी। रजिस्ट्री बनने के बाद, एक सरकारी कर्मचारी खुद व्यक्ति के घर जाकर उसे रजिस्ट्री दस्तावेज सौंपेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का मकसद है कि ज़्यादा से ज़्यादा सरकारी सेवाएं डिजिटल और आसान बनाई जाएं, ताकि आम आदमी को सुविधा मिले और बिचौलियों से छुटकारा मिले।
अब रजिस्ट्री होगी पंजाबी में
इस नई व्यवस्था का एक और बड़ा फायदा यह होगा कि अब रजिस्ट्री पंजाबी भाषा में लिखी जाएगी। पहले ज्यादातर रजिस्ट्री दस्तावेज़ उर्दू या अंग्रेज़ी जैसी भाषाओं में होते थे, जिन्हें आम लोग ठीक से समझ नहीं पाते थे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अब पंजाबी को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे हर नागरिक अपने दस्तावेज़ खुद पढ़ और समझ सके। हां, अगर कोई चाहे, तो वह रजिस्ट्री हिंदी या अंग्रेज़ी में भी करवा सकता है, लेकिन पंजाबी मुख्य भाषा होगी।
क्या होगा फायदा?
इस सिस्टम से न केवल समय और पैसा बचेगा, बल्कि भ्रष्टाचार और दलाली पर भी लगाम लगेगी। लोग सीधे सेवा केंद्रों या ऑनलाइन माध्यम से रजिस्ट्री करवा सकेंगे और उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की यह पहल राज्य में डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। इससे न केवल आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि सरकारी प्रक्रियाएं भी पारदर्शी और तेज़ होंगी। अब पंजाब के लोग रजिस्ट्री जैसी ज़रूरी सेवा को भी घर बैठे और अपनी भाषा में पा सकेंगे – यह वाकई में एक बड़ा बदलाव है।