
पंजाब सरकार ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया है। अब पराली को फ्यूल यानी ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने वाली इंडस्ट्रीज को सरकार की ओर से मोटी सब्सिडी दी जाएगी। इस योजना से न सिर्फ पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि किसानों और उद्योगों को भी सीधा लाभ मिलेगा।
क्या है योजना?
इस योजना के तहत जो इंडस्ट्री पराली को जलाने की बजाय ईंधन के रूप में इस्तेमाल करेगी, उन्हें पंजाब सरकार आर्थिक मदद देगी। इंडस्ट्रीज अगर अपने प्लांट में 4 टन क्षमता का बॉयलर लगाती हैं तो उन्हें 50 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी। वहीं, जो इंडस्ट्रीज 8 टन क्षमता वाला बॉयलर लगवाएंगी, उन्हें सीधे 1 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
पुरानी इंडस्ट्री को भी मिलेगा फायदा
अगर कोई पुरानी इंडस्ट्री अपना पुराना बॉयलर हटाकर नया पराली-आधारित बॉयलर लगवाती है, तो उन्हें भी 1 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इससे पारंपरिक उद्योग भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे और पर्यावरण के संरक्षण में भागीदार बन सकेंगे।
कितनी इंडस्ट्रीज होंगी लाभान्वित?
सरकारी अनुमान के मुताबिक, इस योजना से 500 से 600 इंडस्ट्रीज को फायदा मिलेगा। इससे पंजाब में प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी और पर्यावरण साफ-सुथरा रहेगा। साथ ही, पराली जलाने की समस्या से भी राहत मिलेगी, जो हर साल सर्दियों में बड़े स्तर पर वायु प्रदूषण का कारण बनती है।
किसानों को मिलेगा आर्थिक फायदा
पराली को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने की प्रक्रिया में किसान भी शामिल होंगे। इससे उन्हें पराली बेचने का मौका मिलेगा और अतिरिक्त आमदनी होगी। पहले जहां पराली किसानों के लिए बोझ बनती थी, अब वही पराली उन्हें आमदनी का जरिया देगी।
सरकार का उद्देश्य
पंजाब के कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह ने बताया कि इस योजना से राज्य को प्रदूषण से राहत मिलेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सरकार चाहती है कि खेती से निकलने वाले अपशिष्ट को ऊर्जा में बदला जाए और किसान आर्थिक रूप से सशक्त बनें।
यह योजना पंजाब के लिए एक सकारात्मक कदम है, जिससे पर्यावरण की सुरक्षा और किसानी की समृद्धि दोनों सुनिश्चित होंगी।