
पंजाब सरकार ने राज्य को नशा मुक्त बनाने के अपने अभियान को और तेज करते हुए एक खास मुहिम “नशा मुक्ति यात्रा” शुरू की है। इस यात्रा का मकसद प्रदेश के कोने-कोने तक जाकर लोगों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराना और उन्हें इससे दूर रहने के लिए जागरूक करना है। यह यात्रा आज पंजाब के सभी विधानसभा क्षेत्रों की तीन-तीन ग्राम पंचायतों या वार्डों में निकाली जा रही है।
सरकार की इस मुहिम में पंजाब के मंत्री, विधायक और इलाके के इंचार्ज खुद सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे हैं और लोगों को इस सामाजिक बुराई से लड़ने का संदेश दे रहे हैं।
राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में कौन-कौन ले रहा है भाग?
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मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अजनाला हलके में नशा मुक्ति यात्रा का नेतृत्व किया।
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मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने जंडियाला क्षेत्र में लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक किया।
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विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने कोटकपूरा में यात्रा निकाली।
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मंत्री महिंदर भगत ने जालंधर पश्चिम के अलग-अलग वार्डों में यात्रा की अगुवाई की।
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डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह ने गढ़शंकर में इस यात्रा में भाग लिया।
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मंत्री रवजोत सिंह ने शाम चौरासी हलके में यात्रा निकाली।
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मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने खन्ना क्षेत्र में कई जगहों पर यात्रा की।
और भी कई मंत्री हुए शामिल:
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हरदीप सिंह मुंडियां – साहनेवाल
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लालचंद कटारूचक्क – भोआ
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डॉ. बलबीर सिंह – पटियाला ग्रामीण
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हरजोत बैंस – श्री आनंदपुर साहिब
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हरपाल चीमा – दिड़बा
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बरिंदर कुमार गोयल – लहरा
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अमन अरोड़ा – सुनाम
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गुरमीत सिंह खुड्डियां – लंबी
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बलजीत कौर – मलोट
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लालजीत सिंह भुल्लर – पट्टी
इन सभी नेताओं ने अलग-अलग स्थानों पर जाकर नशा मुक्ति यात्रा में हिस्सा लिया और जनता से नशे से दूर रहने की अपील की। साथ ही यह भी कहा कि नशा सिर्फ व्यक्ति को ही नहीं, बल्कि पूरे समाज और आने वाली पीढ़ियों को बर्बाद करता है।
क्या है उद्देश्य?
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों को नशे से जुड़ी बुराइयों के बारे में जागरूक करना और उन्हें इससे दूर रहने के लिए प्रेरित करना है। सरकार चाहती है कि इस मुहिम में सिर्फ नेता नहीं बल्कि आम लोग, पंचायतें, युवा और सामाजिक संगठन भी सक्रिय रूप से भाग लें।
जनभागीदारी पर जोर
सरकार का मानना है कि नशे के खिलाफ यह जंग अकेले नहीं लड़ी जा सकती। इसके लिए पूरे समाज को एकजुट होना होगा। इसीलिए हर विधानसभा क्षेत्र में पंचायत स्तर तक जाकर लोगों को जोड़ा जा रहा है। यात्रा के दौरान रैलियां, नुक्कड़ नाटक, भाषण और शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
पंजाब सरकार की यह पहल एक सराहनीय कदम है जो आने वाली पीढ़ियों को नशे की लत से बचाने में मददगार साबित हो सकती है। अगर जनता और सरकार मिलकर इस मिशन को आगे बढ़ाएं तो “नशा मुक्त पंजाब” का सपना जल्द ही हकीकत बन सकता है।