
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से बने युद्ध जैसे हालात अब धीरे-धीरे शांत होते नजर आ रहे हैं। जहां भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई को लगातार जारी रखे हुए है, वहीं पाकिस्तान अब अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि को सुधारने की कोशिशों में लग गया है। दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान अब कूटनीतिक स्तर पर भारत के कदमों की नकल करता भी दिखाई दे रहा है।
भारत ने उठाया बड़ा कदम
हाल ही में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ “ऑपरेशन सिंदूर” की जानकारी दुनिया को देने के लिए एक खास योजना बनाई है। इसके तहत भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों समेत कई अन्य अहम देशों में 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगा। इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति को वैश्विक मंच पर सामने रखना और समर्थन हासिल करना है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत की इस कूटनीतिक पहल के बाद अब पाकिस्तान ने भी शांति का संदेश देने के लिए कुछ वैसा ही कदम उठाया है। पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने ऐलान किया है कि वे एक प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर दुनिया के अलग-अलग देशों में जाकर पाकिस्तान का पक्ष रखेंगे और शांति का संदेश देंगे।
बिलावल ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद उनसे अपील की कि वे इस मिशन की जिम्मेदारी संभालें और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के लिए आवाज़ उठाएं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस भूमिका को निभाने पर गर्व है और वे इस कठिन समय में अपने देश की सेवा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
आतंकवाद ने बिगाड़ी पाकिस्तान की छवि
गौर करने वाली बात है कि पाकिस्तान की छवि दुनिया में काफी हद तक आतंकवाद को समर्थन देने वाले देश के रूप में बन चुकी है। पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे, ने इस छवि को और खराब कर दिया। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात इतने तनावपूर्ण हो गए थे कि दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात पैदा हो गए थे।
अब क्या है मकसद?
अब पाकिस्तान की कोशिश है कि वह दुनिया को यह दिखा सके कि वह शांति चाहता है और आतंकवाद के खिलाफ है। यही वजह है कि भारत की तरह अब वह भी अलग-अलग देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल भेजकर अपनी स्थिति साफ करने की कोशिश कर रहा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जरूर कम हुआ है, लेकिन भारत अभी भी आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। दूसरी ओर, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को एक शांतिप्रिय देश दिखाने की कवायद में लगा हुआ है। हालांकि, ये केवल प्रचार तक सीमित न रहें, बल्कि जमीनी स्तर पर भी बदलाव दिखे, तभी सच में दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता संभव हो पाएगी।