
पंजाब में नशे के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम ‘युद्ध नशे के खिलाफ’ अपने 77वें दिन भी पूरे जोर-शोर से जारी रही। शनिवार को राज्य भर में इस अभियान के तहत पंजाब पुलिस ने 250 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके पास से भारी मात्रा में नशीली सामग्री और नकदी बरामद की।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से 2.5 किलो हेरोइन, 19 क्विंटल भुक्की (पोस्त) और करीब 46 लाख रुपये की ड्रग्स मनी जब्त की गई है। इस कार्रवाई के साथ ही अब तक कुल 11,746 नशा तस्कर इस मुहिम के तहत गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
पूरे पंजाब में एक साथ चला ऑपरेशन
इस राज्यव्यापी कार्रवाई को पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव के निर्देशों पर अंजाम दिया गया। अभियान में 28 पुलिस जिलों की टीमें एक साथ शामिल रहीं।
स्पेशल डीजीपी (कानून और व्यवस्था) अरपित शुक्ला ने बताया कि इस ऑपरेशन की निगरानी 102 सीनियर अधिकारियों द्वारा की गई। उन्होंने आगे बताया कि इस एक दिन के अभियान में 1800 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हुए और 250 से ज्यादा पुलिस टीमें बनाई गईं।
टीमों ने राज्यभर में 516 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें नशे से जुड़े गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी गई। इन छापों के दौरान 117 एफआईआर (मुकदमे) भी दर्ज किए गए हैं।
590 संदिग्ध लोगों से पूछताछ
ऑपरेशन के दौरान पुलिस टीमों ने 590 संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ भी की। कई लोगों की पहचान और पूछताछ के बाद उन्हें क्लीन चिट दी गई, जबकि कई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
नशा मुक्त पंजाब की ओर एक मजबूत कदम
पंजाब में लंबे समय से नशे की समस्या चिंता का विषय रही है। ऐसे में यह विशेष अभियान राज्य को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पुलिस द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी और गिरफ्तारी ने नशा तस्करों की कमर तोड़ दी है।
DGP गौरव यादव ने कहा कि यह अभियान तब तक नहीं रुकेगा जब तक कि पंजाब को नशा मुक्त राज्य न बना दिया जाए। उन्होंने जनता से भी अपील की कि नशे के खिलाफ इस लड़ाई में पुलिस का साथ दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
‘युद्ध नशे के खिलाफ’ मुहिम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो और पुलिस विभाग पूरे समर्पण के साथ काम करे, तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं। 77 दिन में 11 हज़ार से ज्यादा गिरफ्तारी और करोड़ों की ड्रग्स जब्ती इस बात का सबूत है कि पंजाब अब नशे के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है।