
पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने शनिवार को केंद्र सरकार से अपील की कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर को आम श्रद्धालुओं के लिए हर समय खुला रखा जाए। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी का प्रकाश स्थल करतारपुर साहिब न केवल सिखों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के नानक नाम लेवा लोगों के लिए एक पवित्र तीर्थ है। इसलिए यहां पहुंचने का रास्ता हमेशा खुला रहना चाहिए।
धालीवाल ने कहा कि वर्तमान में करतारपुर लांघा केवल कुछ खास दिनों या समय पर खुलता है, जिससे कई श्रद्धालु दर्शन से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि श्रद्धालुओं की आस्था और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इस कॉरिडोर को 24 घंटे और सातों दिन खुला रखा जाए।
वाघा बॉर्डर से व्यापार की मांग
मंत्री धालीवाल ने सिर्फ धार्मिक पहलू ही नहीं, बल्कि आर्थिक विकास की दिशा में भी एक बड़ी बात कही। उन्होंने केंद्र सरकार से वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत-पाकिस्तान व्यापार को फिर से शुरू करने की मांग की। उनका मानना है कि अगर यह रास्ता व्यापार के लिए खोला जाता है तो इससे पंजाब के किसानों, उद्योगपतियों और व्यापारियों को बहुत बड़ा लाभ मिलेगा।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कई ऐसे उत्पाद हैं जो पाकिस्तान में निर्यात किए जा सकते हैं और पाकिस्तान से भी कई जरूरी वस्तुएं मंगवाई जा सकती हैं, जिससे दोनों देशों को आर्थिक फायदा होगा। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्य होने के नाते पंजाब इस व्यापारिक रास्ते से सबसे अधिक लाभ उठा सकता है।
आस्था और अर्थव्यवस्था दोनों को फायदा
धालीवाल ने कहा कि करतारपुर लांघा और वाघा बॉर्डर का खुलना सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत जरूरी है। ऐसे फैसले न सिर्फ श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करेंगे, बल्कि पंजाब की अर्थव्यवस्था को भी गति देंगे।
उन्होंने जानकारी दी कि पंजाब सरकार इस मुद्दे पर लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि केंद्र इस पर जल्द कोई सकारात्मक और स्थायी फैसला लेगा।
पंजाब सरकार की यह पहल धार्मिक आस्था और आर्थिक तरक्की – दोनों पहलुओं को साथ लेकर चलने वाली है। यदि करतारपुर साहिब कॉरिडोर और वाघा बॉर्डर से व्यापार को स्थायी रूप से खोलने की मंजूरी मिलती है, तो यह ना सिर्फ पंजाब बल्कि पूरे देश के लिए एक अहम कदम होगा।