
सोमवार को हफ्ते के पहले कारोबारी दिन शेयर बाजार में गिरावट का रुझान देखने को मिला। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 271.17 अंक यानी 0.33% टूटकर 82,059.42 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से केवल 9 में तेजी और बाकी 21 में गिरावट देखी गई।
वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 74.35 अंक यानी 0.30% की गिरावट के साथ 24,945.45 के स्तर पर बंद हुआ। यह गिरावट उस समय आई है जब बीते शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारी निवेश किया था। उन्होंने कुल 8,831.05 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
टॉप कंपनियों के मार्केट कैप में इज़ाफा
हालांकि बाजार में गिरावट रही, फिर भी सेंसेक्स की टॉप 10 कंपनियों में से 9 के मार्केट कैप में बढ़ोत्तरी हुई है। कुल मिलाकर इन कंपनियों के बाजार मूल्य में पिछले हफ्ते 3.35 लाख करोड़ रुपये का इज़ाफा देखा गया। सबसे ज़्यादा फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ।
रिलायंस का मार्केट कैप 1.06 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 19.71 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसके अलावा HDFC बैंक, TCS, ICICI बैंक, SBI, Infosys, Bajaj Finance, Hindustan Unilever और ITC के शेयरों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया।
बीते हफ्ते BSE सेंसेक्स में 2,876.12 अंकों यानी 3.61% की मजबूती दर्ज की गई थी। यह दिखाता है कि लंबी अवधि में निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।
एशियाई बाजारों की स्थिति
एशिया के शेयर बाजारों में भी मिलाजुला रुख देखा गया। जापान का निक्केई इंडेक्स 255 अंक यानी 0.68% गिरकर 37,499 पर बंद हुआ। वहीं, साउथ कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 23 अंक यानी 0.9% गिरकर 2,603 पर बंद हुआ।
हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स मामूली गिरावट के साथ 23,333 पर बंद हुआ, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 3,367 पर लगभग स्थिर रहा।
अमेरिकी बाजारों में तेजी
16 मई को अमेरिकी शेयर बाजारों में अच्छी तेजी देखी गई। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 332 अंक (0.78%) बढ़कर 42,655 पर बंद हुआ। वहीं, टेक्नोलॉजी आधारित नैस्डैक कंपोजिट 99 अंक बढ़कर 19,211 पर बंद हुआ। S&P 500 इंडेक्स में भी 0.70% की मजबूती दर्ज की गई।
पिछले कारोबारी दिन का हाल
पिछले हफ्ते शुक्रवार, यानी 16 मई को भी शेयर बाजार में गिरावट आई थी। सेंसेक्स 200 अंक टूटकर 82,330 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 42 अंक गिरकर 25,019 पर पहुंचा था।
बाजार में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। विदेशी निवेशकों की रुचि बनी हुई है, परंतु वैश्विक संकेत और घरेलू आर्थिक स्थितियां अभी भी बाजार को प्रभावित कर रही हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सोच-समझकर और दीर्घकालिक नजरिए से निवेश करें।