
सोमवार शाम लखनऊ के हजारों बैंक ग्राहकों के लिए एक चौंकाने वाली खबर सामने आई। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने HCBL को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह फैसला बैंक की खराब वित्तीय स्थिति और भविष्य में किसी सुधार की संभावनाओं की कमी को देखते हुए लिया गया है।
क्यों हुआ लाइसेंस रद्द?
RBI के मुताबिक, बैंक के पास न तो जरूरी पूंजी है और न ही मुनाफा कमाने की कोई उम्मीद। बैंक Banking Regulation Act, 1949 के तहत जरूरी नियमों को पूरा करने में असफल रहा है। ऐसे में बैंक को बंद करना जरूरी हो गया था, ताकि ग्राहकों और जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा की जा सके।
RBI ने साफ कहा है कि HCBL बैंक का आगे संचालन करना ग्राहकों के हित में नहीं है। इसलिए इसका लाइसेंस रद्द किया गया है।
अब क्या होगा खाताधारकों के पैसों का?
जैसे ही बैंक का लाइसेंस रद्द हुआ, बैंक के सभी कामकाज बंद कर दिए गए हैं। इसका मतलब है कि ग्राहक अब अपने खाते में पैसे जमा नहीं कर सकते और न ही पैसे निकाल सकते हैं।
हालांकि, ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है। उनके पैसे Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) के तहत सुरक्षित हैं। DICGC के नियमों के अनुसार, प्रत्येक खाताधारक को 5 लाख रुपये तक की बीमित राशि मिलती है।
RBI के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 98.69% खाताधारक अपनी पूरी जमा राशि प्राप्त करने के योग्य हैं। 31 जनवरी 2025 तक, DICGC पहले ही ₹21.24 करोड़ की बीमित राशि का भुगतान कर चुका है।
आगे क्या कदम उठाए जाएंगे?
RBI ने उत्तर प्रदेश सरकार के सहकारी विभाग को निर्देश दिया है कि वे HCBL बैंक को पूरी तरह से बंद करें और एक Liquidator (समापन अधिकारी) नियुक्त करें। यह अधिकारी बैंक की संपत्तियों और देनदारियों का निपटारा करेगा, जिससे ग्राहकों को उनकी रकम वापस मिल सके।
क्या ऐसा पहले भी हुआ है?
जी हां, यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी रिज़र्व बैंक कई सहकारी बैंकों पर कार्रवाई कर चुका है।
अप्रैल 2025 में RBI ने तीन और सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द किए थे:
कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक (अहमदाबाद)
अजंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (औरंगाबाद)
इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (जालंधर)
इन मामलों में भी यही देखा गया था कि बैंक ग्राहकों के हितों की रक्षा नहीं कर पा रहे थे और उनकी वित्तीय स्थिति बेहद कमजोर थी।
HCBL को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द होना उन सभी खाताधारकों के लिए बड़ा झटका है जो इस बैंक पर भरोसा कर अपने पैसे जमा किए थे। हालांकि राहत की बात यह है कि ज्यादातर ग्राहकों को अपनी जमा राशि वापस मिलने की पूरी उम्मीद है।
यह घटना हमें यह सिखाती है कि बैंक चुनते समय उसकी वित्तीय स्थिति और RBI की निगरानी में होने वाले अपडेट्स पर नजर रखना कितना जरूरी है।