
पंजाब के विधायक रमन अरोड़ा की गिरफ्तारी के बाद एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। रमन अरोड़ा पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे हैं और अब उनके पुराने कारनामे भी सामने आने लगे हैं। ताजा मामला कपूरथला चौक स्थित एक निजी अस्पताल से जुड़ा है, जिसकी पार्किंग को लेकर करीब 9 साल पहले विवाद हुआ था।
अस्पताल की गैर-कानूनी पार्किंग और 50 लाख की डील
उस समय अस्पताल की पार्किंग अवैध थी, जिस पर प्रशासन ने नोटिस भेजा। नोटिस के बाद अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। इस दौरान एक गंजे नेता को बीच में डाला गया, जिसने दावा किया कि वह यह मामला सुलझा देगा। उसी की मदद से अस्पताल प्रबंधन और विधायक रमन अरोड़ा के बीच एक गुप्त बैठक हुई।
इस बैठक में मामला दबाने के बदले 50 लाख रुपये की डील तय हुई। डील पूरी भी हो गई, लेकिन पैसे बांटने को लेकर गंजे नेता और रमन अरोड़ा के बीच झगड़ा हो गया। मामला इतना बढ़ा कि दोनों ने एक-दूसरे से बात करनी बंद कर दी।
मंडी के आढ़ती के साथ संबंध और ज़मीन खरीद
एक और खुलासा हुआ है कि रमन अरोड़ा के करीबी संबंध मकसूदां सब्ज़ी मंडी के एक प्याज़-लहसुन के आढ़ती से थे। जांच में सामने आया है कि आढ़ती ही रमन अरोड़ा के लिए रिश्वत की रकम इकट्ठा करता था। यहां तक कि उसकी बहन भी इस काम में शामिल थी।
विजीलेंस टीम ने आढ़ती के चरनजीतपुरा स्थित घर पर छापा मारा, जिससे इस कड़ी की पुष्टि हो गई। पूछताछ में पता चला कि रिश्वत से जो पैसे इकट्ठे किए गए, उनसे जेपी नगर में एक प्लॉट खरीदा गया। यह प्लॉट पहले कूड़े के ढेर के तौर पर जाना जाता था, जिसकी कीमत बेहद कम थी। लेकिन यह प्लॉट आज करोड़ों का बताया जा रहा है। इसे सस्ती कीमत पर लेने के लिए दबाव और जबरदस्ती की गई थी।
पीएम आवास योजना में भी घोटाले का आरोप
इतना ही नहीं, रमन अरोड़ा पर प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले को दबाने का भी आरोप है। इस मामले में एक पूर्व पार्षद, जिनका नाम पहले जांच में सामने आया था, ने हाल की चुनावों में रमन अरोड़ा का खुलकर समर्थन किया था। कहा जा रहा है कि इसी वजह से उस पार्षद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि यह फाइल 2023 से विजीलेंस के पास पड़ी हुई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
लोगों को अब उम्मीद
अब जब विधायक रमन अरोड़ा गिरफ्तार हो चुके हैं, लोगों को उम्मीद है कि विजीलेंस ब्यूरो इन सभी मामलों में निष्पक्ष जांच करेगा। चूंकि अब उन पर दबाव बनाने वाला कोई नहीं बचा, इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि न्याय मिलेगा और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होगी।
यह मामला बताता है कि किस तरह सत्ता का दुरुपयोग कर कुछ लोग जनता की योजनाओं और ज़मीनों का फायदा उठाकर करोड़ों की संपत्ति बना लेते हैं। अब देखना होगा कि विजीलेंस कितनी तेजी से इन मामलों में कार्रवाई करता है।