
अमृतसर के श्री गुरु राम दास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने विदेशी करंसी की तस्करी का एक और प्रयास नाकाम कर दिया।
यह कार्रवाई 29 मई को की गई, जब एक यात्री एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट (IX-191) से अमृतसर से दुबई जाने की तैयारी कर रहा था। डीआरआई को इस बारे में पहले से खुफिया जानकारी मिली थी। जैसे ही यात्री ने चेक-इन किया, अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे रोका।
जांच के दौरान जब उसके सामान की तलाशी ली गई, तो उसके बैग के अंदर छिपाकर रखे गए एक और छोटे बैग से 41,400 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹35.40 लाख रुपये) की विदेशी करंसी बरामद की गई। यह करंसी आरबीआई की तय सीमा से कहीं ज़्यादा थी और इसका कोई स्पष्ट हिसाब भी मौजूद नहीं था।
इस वजह से DRI अधिकारियों ने इस करंसी को कस्टम एक्ट, 1962 के तहत ज़ब्त कर लिया। शुरुआती जांच से पता चला है कि यात्री ने यह तस्करी आर्थिक लाभ के लिए की थी। अब इस मामले में आगे की जांच जारी है।
यह मामला खास इसलिए भी है क्योंकि एक महीने के भीतर यह अमृतसर एयरपोर्ट पर विदेशी करंसी तस्करी का दूसरा मामला है। इससे पहले 3 मई को भी DRI ने एक यात्री से ₹2.66 करोड़ की करंसी जब्त की थी। उस यात्री को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से साफ है कि कुछ लोग एयरपोर्ट के ज़रिए विदेशी करंसी की तस्करी करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन DRI की सतर्कता के चलते उनके मंसूबे नाकाम हो रहे हैं।
विदेशी करंसी लेकर यात्रा करने के नियम क्या हैं?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नियमों के मुताबिक, कोई भी यात्री विदेश यात्रा पर जाते वक्त एक निश्चित सीमा तक ही विदेशी करंसी ले जा सकता है। इससे ज़्यादा करंसी ले जाने के लिए आरबीआई की अनुमति ज़रूरी होती है। बिना अनुमति के करंसी ले जाना कानूनी अपराध माना जाता है।
DRI की इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि विदेशी करंसी की तस्करी पर सख्त नज़र रखी जा रही है। लगातार हो रही जांच और ज़ब्तियों से यह संदेश दिया जा रहा है कि कानून तोड़ने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। अगर आप विदेश यात्रा पर जा रहे हैं, तो सरकारी नियमों का पालन करना बेहद ज़रूरी है, नहीं तो आपके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।