
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने नशा विरोधी मुहिम को और मजबूती देने के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं। उन्होंने बताया कि अब राज्य में बड़े नशा तस्करों की GPS सिस्टम के ज़रिए 24 घंटे निगरानी की जाएगी। ये तकनीक उन तस्करों पर लागू की जाएगी जो ज़मानत पर जेल से बाहर हैं, ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके और पुलिस को जरूरी सुराग मिल सकें।
सरहद पर ड्रोन से हो रही तस्करी पर कड़ा प्रहार
डीजीपी यादव ने बताया कि भारत-पाक सीमा पर ड्रोन के ज़रिए हो रही नशे, हथियार और विस्फोटक सामग्री की तस्करी को रोकने के लिए अब अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसके ट्रायल सफल रहने के बाद पंजाब सरकार ने इसे लागू करने की मंजूरी दे दी है। ये प्रणाली ड्रोन को पहचानने, ट्रैक करने और उन्हें निष्क्रिय करने में सक्षम होगी। इसका मकसद है सरहद पार से हो रही तस्करी को जड़ से खत्म करना।
बार-बार अपराध करने वालों की ज़मानत रद्द करने पर ज़ोर
गौरव यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जो तस्कर बार-बार नशे से जुड़े अपराधों में पकड़े जाते हैं, उनकी जमानत रद्द कराने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। अमृतसर में हुए बम धमाके का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान हो गई है और पुलिस इस केस की गहराई से जांच कर रही है।
नशा विरोधी मुहिम का असर: भारी मात्रा में बरामदगी
‘युद्ध नशों के खिलाफ’ नाम से चलाई जा रही मुहिम के तहत पंजाब पुलिस ने अब तक 8344 एफआईआर दर्ज की हैं और 13,038 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 1696 तस्कर बड़े नेटवर्क से जुड़े हुए थे। इस कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में नशे की खेप बरामद की गई है:
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586 किलो हेरोइन
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247 किलो अफीम
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14 टन भुक्की
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9 किलो चरस
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253 किलो गांजा
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2.5 किलो आईस
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1.6 किलो कोकीन
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25.70 लाख नशीली गोलियां और कैप्सूल
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10.76 करोड़ रुपये की ड्रग्स मनी
अवैध संपत्तियों पर भी कार्रवाई
पुलिस ने अब तक 144 तस्करों की 74.27 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति फ्रीज की है। इसके अलावा 104 अवैध रूप से बनी संपत्तियों को स्थानीय प्रशासन की मदद से गिरा दिया गया है।
हवाला नेटवर्क पर कड़ा प्रहार
नशे की कमाई को हवाला के जरिए सफेद करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की गई है। 48 हवाला संचालकों को गिरफ्तार किया गया और उनके नेटवर्क को तोड़ते हुए करीब 10.76 करोड़ रुपये की रकम बरामद की गई।
नशा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए नई योजना
डीजीपी गौरव यादव ने ‘ईच वन अडॉप्ट वन’ नामक एक नई पहल की घोषणा की। इस योजना के तहत पुलिस के हर रैंक का अधिकारी – चाहे वो डीजीपी हो या सिपाही – एक नशा पीड़ित व्यक्ति को गोद लेगा। उसका इलाज, परामर्श और पुनर्वास सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पुलिस अधिकारी की होगी।
पंजाब सरकार और पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि अब नशा तस्करों के लिए कोई रियायत नहीं होगी। तकनीक, कानून और मानवीय प्रयासों के संयुक्त इस्तेमाल से प्रदेश को नशा मुक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। अब नशा सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि पंजाब की अस्मिता के खिलाफ युद्ध माना जा रहा है – और यह युद्ध जीतने का संकल्प साफ दिखता है।