
आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब के लिए एक नई दिशा तय करने की तैयारी में है। आज पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पंजाब के नए संगठन पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक संगठन की पहली बैठक थी, जिसमें प्रदेश के सभी नए ज़िला प्रधान और अहम पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक में पार्टी की रणनीति, संगठन की मजबूती और राज्य में फैले नशे के खिलाफ अभियान पर खास ज़ोर दिया गया। मनीष सिसोदिया ने साफ कहा कि ‘नशे के विरुद्ध युद्ध’ को अब एक जनआंदोलन का रूप देना है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपना ज़्यादातर समय जनता के बीच, गांवों, गलियों और खेतों में बिताएं।
ज़िला प्रधान होंगे ‘AAP के ज़िला कमांडर’
बैठक में खासतौर पर ज़िला प्रधान की भूमिका को बेहद अहम बताया गया। सिसोदिया ने कहा कि अब हर ज़िला प्रधान को रोज़ाना दो अलग-अलग ब्लॉकों में दौरा करना होगा, गाँवों और कस्बों में मौजूद रहना होगा।
ज़िला प्रधान सिर्फ़ एक पदाधिकारी नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी का ज़िला कमांडर होगा। उसे हर गांव और हर कस्बे की नब्ज़ की जानकारी होनी चाहिए। इसके साथ ही, हर कार्यकर्ता का भरोसा और विधायकों के साथ तालमेल बनाए रखना ज़रूरी है।
बूथ से लेकर गाँव तक ज़मीनी स्तर पर सक्रियता
सिसोदिया ने कहा कि अगर पार्टी को तेज़ी से आगे बढ़ाना है, तो यह ज़रूरी है कि हर वार्ड और हर बूथ पर पार्टी ज़िंदा, जागरूक और सक्रिय नज़र आए। संगठन को अब केवल एक ढांचा नहीं, बल्कि एक ज़मीनी ताक़त बनाना है।
उन्होंने कहा कि पार्टी का पंजाब संगठन ही असली ताक़त है — ये ताक़त है जनता की, नशामुक्त पंजाब की, और एक रंगला पंजाब की।
हर गाँव में AAP का होना जरूरी
मनीष सिसोदिया ने कहा कि पार्टी का मकसद अब सिर्फ़ चुनावी तैयारी नहीं है, बल्कि हर गाँव, हर घर में पहुंच कर लोगों की समस्याओं को सुनना, समझना और समाधान के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि पंजाब को नशे से मुक्त कर एक बेहतर भविष्य देना ही AAP का सबसे बड़ा संकल्प है।
यह बैठक आने वाले समय में पार्टी के लिए न केवल एक नई ऊर्जा का स्रोत बनेगी, बल्कि AAP को पंजाब में और अधिक मजबूत और सक्रिय बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगी।