
पंजाब में उच्च शिक्षा के क्षेत्र को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने आज विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो निजी कॉलेज विश्वविद्यालय का दर्जा पाना चाहते हैं, उनके प्रस्तावों पर तेजी से कार्रवाई की जाए। यह कदम राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विस्तार और युवाओं के लिए बेहतर अवसर तैयार करने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
—
उद्देश्य क्या है?
इस पहल का मकसद है:
उच्च शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाना
कॉलेजों को विश्वविद्यालय में बदलने की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाना
छात्रों को बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करना
राज्य में निजी क्षेत्र की भागीदारी से शैक्षणिक विकास को प्रोत्साहन देना
—
नोडल अधिकारी की नियुक्ति
शिक्षा मंत्री ने इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए उच्च शिक्षा निदेशक श्री गिरीश दयालन को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। इसका मतलब है कि अब इस प्रक्रिया पर सीधे निगरानी रखी जाएगी, जिससे कोई फाइल अटकने या देर होने की संभावना कम हो जाएगी।
—
उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन
आज मंत्री ने प्रमुख निजी कॉलेजों के चेयरपर्सन और निदेशकों के साथ अपने कार्यालय में एक अहम बैठक की। इस बैठक में राज्य की शिक्षा नीति को और पारदर्शी, जवाबदेह और गुणवत्ता-आधारित बनाने पर चर्चा हुई।
उन्होंने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व में पारदर्शिता और योग्यता पर आधारित होगी। कोई भी निर्णय राजनीति या सिफारिश के आधार पर नहीं, बल्कि मेरिट पर लिया जाएगा।
—
मंत्री का बयान
स. हरजोत सिंह बैंस ने कहा:
> “हमारा उद्देश्य पंजाब के युवाओं को बेहतरीन शिक्षा और उज्जवल भविष्य देना है। इसके लिए जरूरी है कि कॉलेजों को विश्वविद्यालय में बदलने की प्रक्रिया में अनावश्यक देरी न हो।”
उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि लंबित आवेदनों की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की जाए, और योग्य संस्थानों को जल्दी मंजूरी दी जाए।
—
किन संस्थानों ने हिस्सा लिया?
इस बैठक में पंजाब के 18 प्रमुख निजी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें शामिल थे:
सीजीसी ग्रुप, मोहाली
रयात-बहरा, होशियारपुर
श्री सुखमणि ग्रुप, डेराबस्सी
बाबे के ग्रुप, दौधर (मोगा)
शेर-ए-पंजाब यूनिवर्सिटी, लालड़ू
जेआईएस ग्रुप, लुधियाना
बाबा फरीद ग्रुप, बठिंडा
इन सभी संस्थानों ने राज्य सरकार के इस कदम का स्वागत किया और शिक्षा मंत्री के साथ अपनी चिंताएं और सुझाव साझा किए।
—
पंजाब सरकार अब उच्च शिक्षा में गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दे रही है। निजी कॉलेजों को विश्वविद्यालय का दर्जा देने की प्रक्रिया में तेजी लाकर न केवल शिक्षा का स्तर बेहतर होगा, बल्कि युवाओं को भी ज्यादा विकल्प और अवसर मिलेंगे।
यह एक सकारात्मक पहल है, जो आने वाले समय में पंजाब को शिक्षा का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में मदद करेगी।