
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने छोटे दुकानदारों को बड़ी राहत देते हुए एक अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में दुकानदारों के हित में कई महत्वपूर्ण बदलावों को मंजूरी दी गई है। इन बदलावों के तहत पंजाब में दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर लागू इंस्पेक्टर राज को खत्म कर दिया गया है।
क्या था दुकानदारों की परेशानी?
मुख्यमंत्री मान ने बताया कि दुकानदार लंबे समय से शिकायत कर रहे थे कि उन्हें थोड़े से कामगार रखने पर भी सरकारी अफसरों को जानकारी देनी पड़ती थी। कई बार इंस्पेक्टर बेवजह दुकानों पर आकर दस्तावेज मांगते और परेशान करते थे। इससे छोटे कारोबारियों को काम करने में दिक्कत होती थी।
अब क्या हुआ बदलाव?
अब सरकार ने “पंजाब दुकान एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान अधिनियम 1958” में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत:
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यदि किसी दुकान पर 20 से कम कर्मचारी या हेल्पर काम कर रहे हैं, तो अब दुकान मालिक को किसी भी तरह की सूचना या रिकॉर्ड देने की जरूरत नहीं है।
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अगर 20 से ज्यादा कर्मचारी हैं, तो छह महीने बाद उनका रिकॉर्ड देना होगा।
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पहले 1 या 2 हेल्पर रखने पर भी दुकानदारों को पूरी जानकारी देनी पड़ती थी।
इस बदलाव के बाद छोटे दुकानदारों को सरकारी अफसरों की मनमानी से राहत मिलेगी और वे बिना डर के अपना व्यापार कर सकेंगे।
ओवरटाइम और पोर्टल सुविधा भी हुई आसान
मुख्यमंत्री मान ने यह भी घोषणा की कि अब कर्मचारी 3 महीनों में 50 घंटे तक ओवरटाइम कर सकेंगे। इससे कर्मचारियों की आमदनी बढ़ेगी और दुकानदारों को भी जरूरत के समय अतिरिक्त मदद मिल सकेगी।
इसके अलावा, दुकान में हेल्पर रखने की मंजूरी पहले लेने में बहुत समय लगता था। लेकिन अब सरकार ने यह प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है। नई व्यवस्था में पोर्टल पर 24 घंटे के अंदर मंजूरी मिल जाएगी।
मुख्यमंत्री की अपील
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने छोटे व्यापारियों से अपील करते हुए कहा कि वे अब बेफिक्र होकर काम करें और पंजाब की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह कानून जल्द ही विधानसभा में लाया जाएगा, जिसके बाद इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
यह फैसला पंजाब के लाखों छोटे व्यापारियों के लिए राहत की खबर है। सरकार का उद्देश्य है कि छोटे दुकानदारों को बेवजह की कागज़ी कार्रवाई और इंस्पेक्टरों की दखलअंदाज़ी से मुक्ति मिले और वे खुलकर कारोबार कर सकें।