पंजाब में नशे के खिलाफ बड़ी मुहिम: 3 महीनों में 15 हजार से ज्यादा तस्कर गिरफ्तार, अब नया रोडमैप तैयार

मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में पंजाब सरकार द्वारा शुरू की गई ‘युद्ध नशों के खिलाफ’ नामक विशेष मुहिम को शुरुआती तीन महीनों में जबरदस्त सफलता मिली है। इस दौरान पुलिस ने 15,000 से ज्यादा नशा तस्करों को गिरफ्तार किया और अब इस अभियान को और मजबूती देने के लिए एक नया रोडमैप तैयार कर लिया गया है।
इसकी जानकारी पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद दी। उन्होंने बताया कि अब पुलिस एक दोहरी रणनीति के तहत आगे बढ़ेगी। इसका उद्देश्य नशा तस्करों के नेटवर्क को तोड़ना और साथ ही नशा करने वालों को इलाज व पुनर्वास के लिए प्रेरित करना है।
दोहरी रणनीति क्या है?
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ड्रग तस्करों पर सख्ती:
बड़े ड्रग सप्लायर और पेडलर (विक्रेता) को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। -
नशा करने वालों का पुनर्वास:
जो लोग नशे की गिरफ्त में हैं, उन्हें अपराधी नहीं बल्कि एक बीमार व्यक्ति समझा जाएगा और उनका इलाज कराया जाएगा।
डीजीपी ने बताया कि अब पुलिस सिर्फ छापे मारने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि सूचना आधारित कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए “सुरक्षित पंजाब चैटबॉट” (नंबर: 9779100200) के जरिए आम लोग गुप्त रूप से जानकारी दे सकते हैं, जिस पर त्वरित एक्शन लिया जाएगा।
अब तक के आंकड़े:
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9087 एफआईआर दर्ज की गईं
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15,494 तस्कर गिरफ्तार
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जब्त सामग्री में शामिल:
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607 किलो हेरोइन
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249 किलो अफीम
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14 टन भुक्की
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263 किलो गांजा
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26 लाख से अधिक नशीली गोलियां/कैप्सूल
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₹1083 करोड़ की ड्रग मनी
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इसके अलावा 144 तस्करों की ₹74.27 करोड़ की संपत्ति को फ्रीज़ किया गया है।
मानवीय दृष्टिकोण भी अपनाया गया
डीजीपी ने बताया कि पुलिस ने 1121 ड्रग यूजर्स को NDPS एक्ट की धारा 64-A के तहत पुनर्वास केंद्रों में भेजा है। वहीं 5786 नशेड़ियों को इलाज की सुविधा दी गई और 6483 लोगों को OAT क्लिनिकों में इलाज के लिए प्रेरित किया गया।
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
अब तस्करों को जमानत मिलने पर भी उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। पुलिस GPS एंकलेट लगाने की संभावना पर विचार कर रही है, ताकि उनकी हर गतिविधि ट्रैक की जा सके। इसके लिए कानूनी मंजूरी ली जा रही है।
इसके साथ ही पंजाब पुलिस एक AI आधारित डेटाबेस तैयार कर रही है, जिससे हर गिरफ्तार व्यक्ति का दो स्तरों पर संपर्क नेटवर्क (backward और forward linkages) ट्रेस किया जा सकेगा।
‘युद्ध नशों के खिलाफ’ सिर्फ एक पुलिसिया कार्रवाई नहीं, बल्कि समाज को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने की एक ठोस पहल है। पंजाब पुलिस न सिर्फ नशा तस्करों पर शिकंजा कस रही है, बल्कि पीड़ितों को दोबारा सामान्य जीवन की ओर लौटने में भी मदद कर रही है। अब उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने का सपना जल्द पूरा होगा।