
लुधियाना पश्चिमी विधानसभा उपचुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को एक और बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। शुक्रवार को कांग्रेस के जिला मीत प्रधान वीर करमवीर शैली और बीजेपी के प्रवक्ता अमित कुमार अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ AAP में शामिल हो गए। इससे कांग्रेस और बीजेपी को बड़ा झटका लगा है, जबकि आम आदमी पार्टी की स्थिति और मज़बूत होती दिख रही है।
पार्टी में हुआ जोरदार स्वागत
AAP विधायकों अशोक पराशर पप्पी, कुलवंत सिंह सिद्धू और राजिंदर पाल कौर छीना ने इन नेताओं का पार्टी में औपचारिक रूप से स्वागत किया। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए विधायक अशोक पराशर पप्पी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की साफ-सुथरी नीतियों और कामकाज से प्रभावित होकर विपक्षी दलों के नेता लगातार पार्टी का दामन थाम रहे हैं।
पप्पी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने लुधियाना और पंजाब के विकास के लिए जो काम किए हैं, उन्होंने जनता और नेताओं दोनों को प्रभावित किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि इन नेताओं के शामिल होने से उपचुनाव में AAP को मजबूती मिलेगी और पार्टी की पकड़ और मजबूत होगी।
सिद्धू ने जताया भरोसा
विधायक कुलवंत सिद्धू ने कहा कि आज बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने AAP में शामिल होकर मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की सोच और नीतियों पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा, “हम इन सभी नेताओं का पार्टी में स्वागत करते हैं और भरोसा दिलाते हैं कि संगठन में उन्हें सम्मान और सही स्थान मिलेगा ताकि वे हमारे साथ मिलकर पंजाब के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकें।”
महिलाओं और युवाओं का बढ़ता समर्थन
विधायक राजिंदर पाल कौर छीना ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले साढ़े तीन साल में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिससे जनता में पार्टी को लेकर भरोसा और भी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि लुधियाना के लोग अब इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहते हैं, और इसमें महिलाएं, युवा और वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं।
AAP बन रही है लोगों की पहली पसंद
लुधियाना में आम आदमी पार्टी का जनाधार तेज़ी से बढ़ रहा है। हाल ही में कई अन्य स्थानीय नेता भी पार्टी से जुड़ चुके हैं। इससे यह साफ हो गया है कि लुधियाना की जनता बदलाव चाहती है और एक ईमानदार, विकासपरक सरकार को समर्थन दे रही है।लुधियाना में AAP को मिल रही लगातार सफलता इस बात का संकेत है कि पार्टी की पकड़ सिर्फ आम जनता में ही नहीं, बल्कि अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच भी मज़बूत हो रही है। जैसे-जैसे उपचुनाव नज़दीक आ रहे हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बदलाव किस दिशा में जाता है, लेकिन फिलहाल आम आदमी पार्टी को इस घटनाक्रम से बड़ा मनोबल ज़रूर मिला है।