
अमेरिका के लॉस एंजेलिस शहर में चल रहे प्रवासियों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन अब हिंसक होते जा रहे हैं। पहले यह शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ था, लेकिन अब इसमें आगजनी, पथराव और पुलिस पर हमले की घटनाएं सामने आ रही हैं। प्रदर्शन की वजह बनी यूएस इमिग्रेशन विभाग (ICE) की छापेमारी, जिसके खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़कों पर उतर आया।
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मामला कैसे शुरू हुआ?
कुछ दिन पहले ICE अधिकारियों ने लॉस एंजेलिस में अवैध प्रवासियों पर छापा मारा, जिसके बाद शहर के मारियाची प्लाज़ा से लेकर डाउनटाउन एलए तक लोगों ने मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने “ICE आउट ऑफ एलए” जैसे नारे लगाए और कार्रवाई को अमानवीय बताया।
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कैसे बढ़ा मामला?
रविवार सुबह मामला और गंभीर हो गया, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर और पटाखे फेंके। पुलिस ने जवाब में आंसू गैस और पेपर बॉल्स छोड़ीं। कई इलाकों में धुंए का गुबार फैल गया, जिससे भगदड़ मच गई।
पुलिस ने बताया कि 27 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है, जो प्रतिबंधित क्षेत्रों में मौजूद थे। हालांकि पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि बल प्रयोग कितना किया गया।
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ट्रंप की चेतावनी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रदर्शन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा,
> “कुछ लोग अब पुलिस और सैनिकों के चेहरे पर थूक रहे हैं। अगर ऐसा हुआ, तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।”
ट्रंप ने हालात को देखते हुए 2,000 नेशनल गार्ड जवानों की तैनाती का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की गरिमा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।
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क्या लागू होगा बगावत कानून?
राष्ट्रपति ट्रंप ने अभी तक 1807 का बगावत अधिनियम (Insurrection Act) लागू नहीं किया है, लेकिन संकेत दिए हैं कि जरूरत पड़ी तो सेना को भी बुलाया जा सकता है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने भी कहा है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो सक्रिय ड्यूटी पर तैनात मरीन जवानों को बुलाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कैलिफोर्निया के कैंप पेंडलटन में तैनात मरीन हाई अलर्ट पर हैं।
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मैक्सिको की प्रतिक्रिया
मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शेनबाउम ने प्रवासियों का समर्थन करते हुए कहा,
> “वे ज़रूरत के चलते अमेरिका आते हैं, वे अपराधी नहीं हैं।”
उन्होंने कहा कि जो प्रवासी स्वदेश लौटना चाहें, सरकार उन्हें हरसंभव सहायता देगी। साथ ही उन्होंने अमेरिका से मानवाधिकारों का सम्मान करने की अपील की।
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जो प्रदर्शन एक सामान्य विरोध के रूप में शुरू हुआ था, वह अब अमेरिकी सरकार और प्रवासी अधिकारों के बीच सीधी टकराव में बदलता जा रहा है। पुलिस, नेशनल गार्ड और राजनीतिक बयानबाजी से मामला और गंभीर होता जा रहा है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन अमेरिकी राजनीति को और गर्म कर सकता है।
स्थिति पर नजर बनी हुई है, और सरकार द्वारा आगे कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है।