
पंजाब सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि विविधता को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी दिशा में अब एक और बड़ी पहल की गई है। राज्य के कृषि और फूड प्रोसेसिंग मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि अबोहर में 9.50 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक चिल्ली प्रोसेसिंग प्लांट तैयार किया जा रहा है। यह प्लांट सितंबर 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा।
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क्या है इस योजना की खासियत?
यह चिल्ली प्रोसेसिंग प्लांट पंजाब एग्री एक्सपोर्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पैगरैकसो) द्वारा स्थापित किया जा रहा है। यह प्लांट एक एकड़ ज़मीन पर बनेगा और इसकी क्षमता प्रति घंटे 5 टन मिर्च प्रोसेस करने की होगी।
इस योजना का मकसद है कि किसानों को मिर्च की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए और उन्हें प्रोसेसिंग के जरिए अच्छा दाम मिले। पंजाब में मिर्च की खेती का दायरा लगातार बढ़ रहा है, और सरकार चाहती है कि इस क्षेत्र से किसानों की आय में सुधार हो।
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मिर्च की खेती के आंकड़े
मंत्री ने बताया कि वर्ष 2024 में पंजाब में मिर्च की खेती का कुल क्षेत्र 10,614 हेक्टेयर तक पहुंच गया, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इस क्षेत्र से कुल 21,416 मीट्रिक टन मिर्च की उपज हुई।
फिरोज़पुर जिला मिर्च के उत्पादन में सबसे आगे रहा। यहां प्रति हेक्टेयर औसतन 19 मीट्रिक टन मिर्च की उपज हुई। इसके बाद पटियाला, मालेरकोटला, संगरूर, जालंधर, तरनतारन, अमृतसर, एसबीएस नगर और होशियारपुर का स्थान रहा।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चमक रही पंजाब की मिर्च
पंजाब की लाल मिर्च सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी पसंद की जा रही है। पैगरैकसो निगम सीधे किसानों और ऐग्रीगेटरों से मिर्च खरीदता है और उसका पेस्ट बनाकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात करता है। खासकर मध्य पूर्वी और अफ्रीकी देशों में पंजाब की तीखी मिर्च की जबरदस्त मांग है।
इस बढ़ती मांग को देखते हुए निगम की मार्केटिंग टीम लगातार प्रदर्शनियों और अंतरराष्ट्रीय मेलों में भाग लेकर पंजाब की मिर्च को प्रचारित कर रही है। इससे आने वाले वर्षों में निर्यात और भी बढ़ेगा।
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गेहूं-धान से हटकर मुनाफे वाली खेती
मिर्च की खेती अब गेहूं और धान की परंपरागत खेती का लाभकारी विकल्प बन रही है। इससे किसानों को न सिर्फ अच्छी कमाई हो रही है, बल्कि राज्य की जलवायु परिस्थितियों के अनुसार भी यह फसल काफी अनुकूल साबित हो रही है।
स. खुड्डियां ने कहा कि इस पहल से न केवल राज्य की कृषि विविधता को बल मिलेगा, बल्कि पंजाब को मिर्च उत्पादन और प्रोसेसिंग में एक राष्ट्रिय और अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिलेगी।
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पंजाब सरकार की इस पहल से यह साफ है कि राज्य अब केवल पारंपरिक फसलों पर निर्भर नहीं रहना चाहता। अब मिर्च जैसी नकदी फसलें किसानों के जीवन में बदलाव ला रही हैं। आने वाले समय में यह चिल्ली प्रोसेसिंग प्लांट पंजाब के हजारों किसानों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरेगा।