
एक ओर वह पाकिस्तान है जिसने दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को सालों तक अपने घर में छिपाकर रखा, और दूसरी ओर वही पाकिस्तान अब अमेरिका को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक “अद्भुत सहयोगी” लगने लगा है। अमेरिका की नजर में पाकिस्तान एक ऐसा देश बन गया है जो आतंक से खुद पीड़ित है और आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा है।
इस बदले हुए नजरिए की एक बड़ी वजह है – पाकिस्तान द्वारा आईएसआईएस-के (खुरासान) के पांच आतंकियों को पकड़कर अमेरिका को सौंपना। इनमें से एक नाम है मोहम्मद शरीफुल्लाह, जिसे अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट हमले का मास्टरमाइंड बताया है।
जनरल कुरीला ने की पाकिस्तान की तारीफ
अमेरिका की सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के चीफ जनरल माइकल कुरीला ने हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस की एक समिति के सामने पाकिस्तान की खूब तारीफ की। उन्होंने बताया कि 2024 की शुरुआत से अब तक पाकिस्तान में अफगानिस्तान सीमा से सटे इलाकों में करीब 1000 आतंकी हमले हुए हैं। इन हमलों में 700 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक और 2500 से ज्यादा आम नागरिक मारे गए हैं। बावजूद इसके पाकिस्तानी सेना आतंक के खिलाफ लड़ रही है।
जनरल कुरीला ने यह भी कहा कि पाकिस्तान और भारत – दोनों ही अमेरिका के लिए अहम हैं, और अमेरिका किसी एक को भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता।
शरीफुल्लाह की गिरफ्तारी से अमेरिका खुश
2021 में जब अमेरिकी सेना अफगानिस्तान छोड़ रही थी, तब काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले में दर्जनों अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। अमेरिका ने इस हमले के पीछे शरीफुल्लाह का हाथ बताया था। करीब चार साल बाद, मार्च 2025 में पाकिस्तान की सेना ने शरीफुल्लाह को पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से गिरफ्तार कर अमेरिका को सौंप दिया।
जनरल कुरीला के मुताबिक, इस गिरफ्तारी के बाद सबसे पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने खुद उन्हें फोन कर बताया कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ सहयोग के लिए तैयार है।
अमेरिका की नजर में हीरो बने आसिम मुनीर
जनरल कुरीला ने सिर्फ पाकिस्तान की ही नहीं, बल्कि जनरल आसिम मुनीर की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मुनीर की अगुवाई में पाकिस्तान ने आईएसआईएस-के जैसे संगठनों पर सख्ती दिखाई है और कई खतरनाक आतंकियों को पकड़ा है। इससे अमेरिका का भरोसा पाकिस्तान पर दोबारा बना है।
अब खबर ये है कि अमेरिका अपनी सेना की 250वीं वर्षगांठ के मौके पर 14 जून को वाशिंगटन डीसी में एक भव्य सैन्य परेड आयोजित कर रहा है, जिसमें दुनिया भर के शीर्ष सैन्य अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। जनरल आसिम मुनीर को भी इस परेड में शामिल होने का न्योता भेजा गया है।
इस पूरी कहानी से साफ है कि आतंकियों को छिपाने का इतिहास रखने वाला पाकिस्तान, आज आतंक के खिलाफ सहयोगी बनकर अमेरिका का भरोसा जीत रहा है। भले ही भारत पाकिस्तान की नीति पर संदेह करता रहे, लेकिन अमेरिका की रणनीति में पाकिस्तान अब भी एक अहम मोहरा बना हुआ है।