
पंजाब में इस समय भीषण गर्मी और धान की बुआई का मौसम चल रहा है। ऐसे में बिजली की मांग तेज़ी से बढ़ गई है। 11 जून को राज्य में बिजली की मांग 16836 मेगावाट तक पहुंच गई, जो अब तक की सबसे ज़्यादा मांग है। इसके बावजूद पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पावरकॉम) ने बिना किसी बिजली कटौती के हर वर्ग को निर्बाध बिजली आपूर्ति देकर एक नया रिकॉर्ड बना दिया है।
कैसे पूरी हो रही है इतनी ज़्यादा मांग?
इस रिकॉर्ड बिजली मांग को पूरा करने के लिए पावरकॉम ने दो स्रोतों से बिजली जुटाई।
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उत्तरी ग्रिड से: 10243 मेगावाट बिजली ली गई।
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अपने संसाधनों से: 6600 मेगावाट बिजली खुद बनाई गई।
राज्य के सभी थर्मल प्लांट्स, हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स और रंजीत सागर डैम के यूनिट पूरी क्षमता से चल रहे हैं। इनमें सरकारी थर्मल प्लांट्स ने 2020 मेगावाट, निजी थर्मल प्लांट्स ने 3192 मेगावाट, हाइड्रो प्रोजेक्ट्स ने 950 मेगावाट और सोलर पावर प्रोजेक्ट्स ने 395 मेगावाट बिजली उत्पादन किया।
पिछले साल से ज़्यादा, आगे और बढ़ेगी मांग
2023 में 19 जून को राज्य में बिजली की अधिकतम मांग 16089 मेगावाट रही थी, जबकि इस बार यह आंकड़ा पहले ही 16836 मेगावाट तक पहुँच गया है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में बिजली की मांग 17000 मेगावाट से भी ऊपर जा सकती है।
कोयले की स्थिति भी मज़बूत
थर्मल प्लांट्स को चलाने के लिए पर्याप्त कोयला मौजूद है:
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लहरा मोहब्बत प्लांट – 21 दिन का स्टॉक
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रोपड़ – 34 दिन
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गोइंदवाल साहिब – 28 दिन
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राजपुरा – 31 दिन
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तलवंडी साबो – 23 दिन
इसका मतलब है कि पावर उत्पादन को लेकर फिलहाल कोई संकट नहीं है।
डैम में पानी थोड़ा कम
हालांकि, भाखड़ा डैम और रंजीत सागर डैम में पानी का स्तर पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम है।
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भाखड़ा डैम में 1555.4 फीट पानी है (पिछले साल 1584.2 फीट था)।
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रंजीत सागर डैम में 506.9 मीटर पानी है (पिछले साल 507.2 मीटर था)।
फिर भी, पावरकॉम ने बताया है कि स्थिति अभी नियंत्रण में है और जल-आधारित उत्पादन पर इसका ज़्यादा असर नहीं पड़ेगा।
क्या है सरकार का लक्ष्य?
राज्य सरकार और पावरकॉम का लक्ष्य है कि गर्मी के इस पीक सीज़न में भी सभी घरों, खेतों और उद्योगों को बिना किसी कटौती के बिजली मिलती रहे। अब तक के प्रदर्शन को देखते हुए कहा जा सकता है कि पंजाब ने ऊर्जा प्रबंधन में बड़ी सफलता हासिल की है।
भीषण गर्मी और खेती के सीज़न में जहां दूसरे राज्यों में बिजली कटौती आम बात है, वहीं पंजाब ने रिकॉर्ड मांग के बावजूद बिना कटौती के सप्लाई देकर मिसाल कायम की है।