
दुनिया का ध्यान एक बार फिर पश्चिम एशिया की तरफ खिंच गया है, जहां इजरायल और ईरान के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। आज तड़के इजरायल ने ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बड़ा हमला किया है।
इजरायली वायुसेना (IAF) ने इस साल की अब तक की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई करते हुए ड्रोन और मिसाइलों की मदद से यह हमला किया। इस ऑपरेशन का नाम है – “राइजिंग लायन” (Rising Lion), जो पूरी तरह एकतरफा और पहले से नियोजित था।
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किन ठिकानों को बनाया गया निशाना?
इजरायल ने ईरान के जिन ठिकानों पर हमला किया, उनमें शामिल हैं:
नतांज परमाणु सुविधा केंद्र
बैलिस्टिक मिसाइल डेवेलपमेंट सेंटर
परमाणु वैज्ञानिकों के प्रशिक्षण केंद्र
इजरायली रक्षा मंत्री के अनुसार, ये हमले पूरी तरह सटीक और रणनीतिक रूप से लक्षित थे। उनका दावा है कि यह हमला ईरान की बढ़ती परमाणु ताकत को रोकने के लिए किया गया।
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नेतन्याहू का बड़ा बयान
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा,
“हमारे देश के अस्तित्व के लिए यह जरूरी था। जब तक ईरान का परमाणु खतरा पूरी तरह खत्म नहीं होता, यह अभियान जारी रहेगा।”
उन्होंने इस ऑपरेशन को “Targeted Defensive Campaign” कहा, यानी एक ऐसा रक्षात्मक हमला जो पहले से तय और जरूरी था।
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अमेरिका का रुख
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने साफ किया कि अमेरिका इस ऑपरेशन में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा,
“इजरायल ने हमें पहले से सूचना दी थी। हम इसमें नहीं हैं। हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हमारे सैनिकों की सुरक्षा है।”
यह पहली बार है जब अमेरिका ने किसी इजरायली हमले से खुद को खुलकर अलग बताया है, हालांकि रणनीतिक समर्थन जारी रखने की बात भी कही।
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ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान ने भी हमले की पुष्टि कर दी है। ईरानी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने कई मिसाइलों को नष्ट कर दिया, लेकिन कुछ जगह नुकसान हुआ है। उन्होंने इसे आक्रामक और अवैध कार्रवाई बताया।
ईरानी विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र से तुरंत बैठक बुलाने की मांग की है और कहा कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय नियमों का सीधा उल्लंघन है।
सरकारी टीवी पर बताया गया कि दो बड़े परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया और अब ईरान जवाबी कार्रवाई की तैयारी में है।
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क्या हो सकता है आगे?
इस हमले के बाद पश्चिम एशिया में हालात और बिगड़ सकते हैं। अगर ईरान ने जवाबी हमला किया, तो यह टकराव और भी खतरनाक रूप ले सकता है। खासकर तब, जब इसमें अमेरिका या अन्य देश भी किसी न किसी रूप में जुड़ जाएं।
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इजरायल और ईरान के बीच यह टकराव अब खुला संघर्ष बनता जा रहा है। परमाणु हथियारों को लेकर उठे इस विवाद ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। जहां इजरायल इसे अपनी सुरक्षा का मुद्दा बता रहा है, वहीं ईरान इसे संप्रभुता पर हमला मान रहा है।
आने वाले दिनों में इस तनाव की दिशा तय करेगी – ईरान की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका।