
सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार (13 जून 2025) को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखी गई। इसकी सबसे बड़ी वजह इजरायल और ईरान के बीच अचानक बढ़ा युद्ध तनाव रहा। इजरायल द्वारा ईरान की राजधानी तेहरान में किए गए हमले के बाद निवेशकों के बीच डर का माहौल बन गया, जिससे बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली।
सेंसेक्स-निफ्टी में बड़ी गिरावट
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 1264 अंक टूटकर 80,427 पर खुला। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 415 अंकों की गिरावट के साथ 24,473 के स्तर पर पहुंच गया। यह पिछले कई हफ्तों की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। बाजार खुलते ही हर तरफ लाल निशान नजर आने लगा।
सभी सेक्टर्स में बिकवाली
निफ्टी के लगभग सभी प्रमुख सेक्टर्स – जैसे ऑटो, बैंकिंग, एनर्जी, आईटी, रियल्टी, मेटल, ऑयल एंड गैस और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स – में 1% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। इससे साफ है कि बाजार पर ईरान-इजरायल संघर्ष का गहरा असर पड़ा है। निवेशकों ने जोखिम से बचने के लिए बड़ी मात्रा में शेयर बेचे, जिससे पूरे बाजार में गिरावट आ गई।
तेल कंपनियों के शेयरों पर गहरा असर
इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए एयरस्ट्राइक के बाद कच्चे तेल की कीमत में तेज उछाल देखने को मिली। केवल कुछ घंटों में ही तेल की कीमत 6 डॉलर चढ़कर 75.36 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई। इसका सीधा असर भारत की तेल विपणन कंपनियों पर पड़ा।
इंडियन ऑयल (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) जैसी सरकारी कंपनियों के शेयरों में 5-6% तक की गिरावट आ गई। निवेशकों को डर है कि अगर मध्य पूर्व में संघर्ष और बढ़ा, तो तेल आपूर्ति बाधित हो सकती है। खासकर स्ट्रेट ऑफ हॉरमुज़ जैसे इलाके, जहां से दुनिया का एक बड़ा हिस्सा तेल ट्रांजिट होता है, अगर प्रभावित हुए तो भारत जैसी तेल आयातक अर्थव्यवस्थाओं पर भारी असर पड़ेगा।
आगे की स्थिति
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ईरान और इजरायल के बीच तनाव और गहराया, तो शेयर बाजार में और गिरावट देखी जा सकती है। वहीं, अगर जल्द ही कोई शांति वार्ता शुरू होती है या अमेरिका और अन्य देशों की मध्यस्थता सफल होती है, तो बाजार में स्थिरता लौट सकती है।
ईरान-इजरायल विवाद का असर अब वैश्विक वित्तीय बाजारों पर साफ दिखने लगा है। भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे फिलहाल सतर्कता बरतें और लंबी अवधि की रणनीति के तहत ही कोई कदम उठाएं।