
पंजाब के सरकारी स्कूलों के छात्रों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मेहनत, लगन और सही मार्गदर्शन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि हाल ही में हुई राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में पंजाब के 474 सरकारी स्कूलों के छात्रों ने सफलता प्राप्त की है। यह न सिर्फ एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए गर्व का क्षण भी है।
बैंस ने सभी सफल छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह कामयाबी छात्रों की कठिन मेहनत, उनके शिक्षकों की निष्ठा और सरकार की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नीति का नतीजा है। उन्होंने इन छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि ये बच्चे अब मेडिकल क्षेत्र में देश का नाम रोशन करेंगे।
JEE में भी शानदार प्रदर्शन
NEET के अलावा, पंजाब के सरकारी स्कूलों के छात्रों ने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी अपनी काबिलियत साबित की है। इस साल 265 छात्रों ने JEE Main परीक्षा पास की है, जबकि 44 छात्रों ने JEE Advanced जैसी कठिन परीक्षा में भी सफलता प्राप्त की है।
ये आंकड़े बताते हैं कि अब सरकारी स्कूलों के छात्र किसी भी निजी संस्थान के छात्रों से कम नहीं हैं। शिक्षा मंत्री ने इस पर खुशी जताते हुए कहा कि ये उपलब्धियां सरकार की उस नीति का नतीजा हैं, जो हर बच्चे तक बेहतर शिक्षा पहुँचाने पर केंद्रित है।
मुख्यमंत्री मान की शिक्षा पर विशेष नीति
हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि पंजाब सरकार मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य में एक ऐसा शिक्षा इकोसिस्टम तैयार कर रही है, जहाँ छात्रों की प्रतिभा को पहचाना जाए और उन्हें आगे बढ़ने के लिए पूरा सहयोग मिले।
सरकार की योजना है कि सरकारी स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाए, ताकि छात्रों को प्राइवेट स्कूलों जैसी या उससे बेहतर शिक्षा मिल सके। स्मार्ट क्लासरूम, लाइब्रेरी, विज्ञान प्रयोगशालाएं और अनुभवी शिक्षकों की तैनाती इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं।
छात्रों और शिक्षकों की मेहनत रंग लाई
इस सफलता के पीछे छात्रों की रात-दिन की मेहनत और उनके शिक्षकों की ईमानदारी से दी गई पढ़ाई है। कई छात्र सीमित संसाधनों के बावजूद ऊँचाइयों को छू रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में सरकार और भी ज्यादा स्कूलों को संसाधनों से सशक्त बनाएगी ताकि हर बच्चा अपने सपने पूरे कर सके।
पंजाब के सरकारी स्कूलों के छात्रों की यह सफलता एक प्रेरणा है कि अगर शिक्षा को प्राथमिकता दी जाए और छात्रों को सही अवसर मिले, तो वे किसी भी स्तर की परीक्षा में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं। यह एक नया युग है जहाँ सरकारी स्कूलों से निकले छात्र देश की मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थाओं में अपना परचम लहरा रहे हैं।