
मध्य पूर्व में इस समय हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध अपने छठे दिन में पहुंच गया है, और दोनों देश अब पूरी ताकत से एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, ईरान ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया, जिससे बड़ा नुकसान हुआ है।
ईरान की सेना, रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने बुधवार को पुष्टि की कि उन्होंने इजरायल पर किए गए ताजा हमलों में अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया। इन मिसाइलों की रफ्तार इतनी तेज होती है कि मौजूदा सुरक्षा प्रणालियां भी उन्हें रोकने में नाकाम हो जाती हैं।
दूसरी तरफ, इजरायल ने भी जवाबी हमला करते हुए तेहरान और आसपास के कई इलाकों को निशाना बनाया है। इजरायली हवाई हमलों में अब तक ईरान के 585 लोगों की मौत हो चुकी है, और करीब 1326 लोग घायल हो गए हैं। वहीं, ईरानी हमलों में अब तक 24 इजरायली नागरिकों की जान जा चुकी है।
इस युद्ध में नई तेजी तब आई जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बयान जारी किए। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट “ट्रूथ सोशल” पर बड़े अक्षरों में लिखा: “UNCONDITIONAL SURRENDER” यानी “बिना शर्त समर्पण करो”।
ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई पर निशाना साधते हुए कहा कि अमेरिका को यह पता है कि वह कहां छिपे हैं। उन्होंने धमकी दी कि खामेनेई को अभी नहीं मारा जाएगा, लेकिन अगर मिसाइलों से आम नागरिकों या अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाया गया, तो अमेरिका का धैर्य जवाब दे देगा।
इधर बीबीसी ने उड़ान ट्रैकिंग डाटा के आधार पर खुलासा किया है कि पिछले तीन दिनों में अमेरिका ने अपने 30 सैन्य टैंकर विमान यूरोप भेजे हैं। इन विमानों का इस्तेमाल जंग के दौरान लड़ाकू विमानों को हवा में ही ईंधन भरने के लिए होता है, जिससे अंदेशा है कि अमेरिका युद्ध में किसी भी समय सक्रिय भूमिका निभा सकता है।
ट्रंप की धमकियों का ईरान पर कोई असर नहीं दिखा। अली खामेनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “The battle begins” यानी “युद्ध अब शुरू हुआ है”। उन्होंने यह भी लिखा कि वे आतंकवादी ज़ायोनी शासन (इजरायल) को कड़ा जवाब देंगे और यहूदियों के खिलाफ कोई रहम नहीं दिखाया जाएगा।
ईरान और इजरायल के बीच यह टकराव अब गंभीर युद्ध में बदल चुका है, और इससे पूरे विश्व में चिंता बढ़ गई है। अगले कुछ दिन इस इलाके और वैश्विक शांति के लिए बेहद निर्णायक हो सकते हैं।