
देश में एक बार फिर कोरोना वायरस को लेकर हलचल शुरू हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, भारत में इस समय कुल 6,483 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि अधिकतर मरीजों में संक्रमण के लक्षण बेहद हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत कम पड़ रही है।
सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य
कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक मामले केरल (1,384), गुजरात (1,107), महाराष्ट्र (489) और दिल्ली (562) में दर्ज किए गए हैं। अन्य राज्यों में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।
पिछले 24 घंटों में कोरोना से चार मरीजों की मौत हुई है — जिनमें दो महाराष्ट्र से, एक दिल्ली से और एक केरल से हैं।
हल्के लक्षण, इलाज घर पर ही संभव
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार संक्रमण के लक्षण हल्के हैं। संक्रमितों में सामान्य तौर पर खांसी, गला खराब, हल्का बुखार और थकावट जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं।
देशभर के अस्पतालों में कोविड के गंभीर मरीजों की संख्या बेहद कम है, जिससे यह स्पष्ट है कि नया वेरिएंट फिलहाल ज्यादा खतरनाक साबित नहीं हो रहा।
वेरिएंट JN.1 और NB.1.8.1 पर नजर
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि नए मामलों में कोरोना के वेरिएंट JN.1 और NB.1.8.1 की पहचान हुई है। हालांकि, इन वेरिएंट्स से गंभीर संक्रमण की अब तक कोई पुष्टि नहीं हुई है।
विशेषज्ञों की राय
डॉक्टरों का मानना है कि मानसून के मौसम में सामान्य सर्दी-जुकाम के मामलों की संख्या बढ़ती है, और ऐसे में कुछ कोरोना के मामले भी बढ़ सकते हैं।
AIIMS दिल्ली के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राकेश अग्रवाल ने कहा,
“यह कोई घबराने वाली स्थिति नहीं है। लेकिन जिन लोगों को सर्दी-जुकाम या बुखार हो रहा है, उन्हें कोविड टेस्ट ज़रूर कराना चाहिए।”
सरकार की अपील: सतर्क रहें, पर घबराएं नहीं
केंद्र सरकार और राज्यों ने स्वास्थ्य सुविधाओं को अलर्ट मोड पर रखा है। सभी अस्पतालों को जरूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार ने आम नागरिकों से अपील की है:
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सार्वजनिक स्थानों पर खांसी या जुकाम हो तो मास्क पहनें
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भीड़भाड़ में जाने से बचें
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समय-समय पर हाथ धोते रहें
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संक्रमित महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह लें
बाजार पर फिलहाल असर नहीं
बाजार, स्कूल और सार्वजनिक सेवाएं फिलहाल सामान्य रूप से चल रही हैं। हालांकि, अगर मामले बढ़ते हैं, तो स्कूलों और दफ्तरों में फिर से कोविड प्रोटोकॉल लागू हो सकते हैं।
कोरोना अब एक मौसमी संक्रमण की तरह सामने आ रहा है, लेकिन लापरवाही नुकसानदेह हो सकती है। सावधानी बरतें, मास्क पहनें और सरकार की गाइडलाइन का पालन करें।