
पश्चिम एशिया में एक बार फिर हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच चल रहे हमलों में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
— नेतन्याहू का बड़ा बयान
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार (19 जून) को कहा कि उनका देश अब ईरान के सभी परमाणु ठिकानों पर हमला करने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह ईरान के शीर्ष नेताओं को भी निशाना बना सकते हैं।
नेतन्याहू ने अपने बयान में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लेते हुए कहा, “ट्रंप वही करेंगे जो अमेरिका के लिए सही होगा, और मैं वही करूंगा जो इजरायल की सुरक्षा के लिए जरूरी है।” उन्होंने कहा कि इजरायल अब इस युद्ध के जरिए पूरी दुनिया के भविष्य को प्रभावित कर रहा है।
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ईरान पर हमले का दावा
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने दावा किया कि इजरायली सेना ने ईरान के आधे से ज्यादा मिसाइल लॉन्चरों को नष्ट कर दिया है। यह बयान उन्होंने दक्षिणी इजरायल के सोरोका मेडिकल सेंटर के दौरे के दौरान दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि “इजरायली हमलों से कोई नहीं बच सकता।”
इतना ही नहीं, इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने भी ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाने पर लेते हुए उन्हें “आधुनिक हिटलर” बताया और कहा कि अब इस तानाशाही शासन का अंत होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि खामेनेई जैसे नेता मानवता के लिए खतरा बन चुके हैं।
— हमला और जवाबी हमला
इस बीच ईरान की ओर से इजरायल के तेल अवीव और दक्षिणी इलाकों में मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए। इन हमलों में सैकड़ों लोग घायल हो गए और कई रिहायशी इलाकों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों को नुकसान पहुंचा।
इसके जवाब में इजरायल ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों और सैन्य स्थलों पर जबरदस्त हवाई हमले किए। वाशिंगटन स्थित एक मानवाधिकार संगठन के अनुसार, इन हमलों में अब तक 639 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 263 नागरिक भी शामिल हैं।
दूसरी ओर, इजरायल में भी इन हमलों में 24 लोगों की जान गई और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
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पहले भी किए थे बड़े हमले
यह पहला मौका नहीं है जब इजरायल ने ईरान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की हो। इससे पहले भी इजरायली सेना ने ईरान के कई टॉप सैन्य कमांडरों और वैज्ञानिकों को निशाना बनाकर खत्म किया था। इजरायल का साफ कहना है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम उनके देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।
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क्या आगे होगा?
फिलहाल इस संघर्ष के थमने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। दोनों देशों के बीच बयानबाजी और सैन्य हमले लगातार तेज हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता जताई है और शांति की अपील की है, लेकिन जमीन पर हालात बिल्कुल अलग तस्वीर दिखा रहे हैं।
ईरान और इजरायल के बीच यह युद्ध केवल दो देशों की लड़ाई नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की शांति और स्थिरता के लिए खतरा बनता जा रहा है। आने वाले दिन और भी निर्णायक साबित हो सकते हैं।