
पंजाब के स्कूल शिक्षा विभाग ने एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए अपने 126 क्लर्कों को सीनियर सहायक (Senior Assistant) के पद पर पदोन्नत कर दिया है। इस फैसले से न सिर्फ़ शिक्षा विभाग के दफ्तरों की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि कर्मचारियों को अपने काम के प्रति और अधिक प्रेरणा भी मिलेगी।
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पदोन्नति से भरे जाएंगे सभी खाली पद
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज एक प्रेस बयान में जानकारी देते हुए कहा कि इन पदोन्नतियों से ज़िला शिक्षा अफसरों (DEO) और ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थाओं (DIETs) में सीनियर सहायकों के सभी खाली पद भर जाएंगे। इससे कामकाज में तेजी आएगी और निर्णय प्रक्रिया भी बेहतर होगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग लंबे समय से इन खाली पदों को भरने की कोशिश कर रहा था, और अब इस पदोन्नति के साथ यह प्रक्रिया पूरी हुई है।
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कर्मचारियों को मिली बधाई और जिम्मेदारी
श्री बैंस ने पदोन्नत हुए सभी कर्मचारियों को बधाई देते हुए उन्हें यह मौका पूरी लगन और निष्ठा के साथ इस्तेमाल करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अब जब उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है, तो वे विभाग की उम्मीदों पर खरे उतरें।
उनका कहना था कि यह सिर्फ एक नया ओहदा नहीं है, बल्कि विभाग की तरफ से एक भरोसे की मुहर भी है, जिसे बनाए रखना हर कर्मचारी का कर्तव्य है।
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बेहतर प्रशासन और सेवा की ओर कदम
मंत्री ने स्पष्ट किया कि ये पदोन्नतियाँ केवल कर्मचारियों को इनाम देने का तरीका नहीं हैं, बल्कि शिक्षा विभाग की कार्य प्रणाली को और अधिक संगठित, कुशल और जवाबदेह बनाने का एक अहम प्रयास भी हैं। इससे स्कूल स्तर से लेकर जिला स्तर तक कार्यों का संचालन और अधिक सटीकता और समयबद्धता के साथ हो सकेगा।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में हर स्तर पर सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है – चाहे वो स्कूलों की सुविधाएं हों, विद्यार्थियों की गुणवत्ता हो या फिर विभाग के कर्मचारियों का प्रशासनिक ढांचा।”
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प्रशासनिक कुशलता और प्रेरणा दोनों बढ़ेंगी
श्री बैंस ने उम्मीद जताई कि इस कदम से कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि होगी और वे अपने कार्यों को अधिक जिम्मेदारी और आत्मविश्वास के साथ निभाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग आने वाले समय में और भी सुधारात्मक कदम उठाने जा रहा है जिससे शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
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126 क्लर्कों की पदोन्नति से साफ है कि पंजाब सरकार अपने कर्मचारियों की मेहनत को पहचान दे रही है। इससे न केवल कर्मचारियों को सम्मान और उन्नति का अवसर मिला है, बल्कि शिक्षा विभाग के कामकाज में भी एक नई रफ्तार आएगी। यह कदम प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक अहम पहल मानी जा रही है।