
कोरोना वायरस एक बार फिर दुनिया को चिंता में डाल रहा है। इस बार कारण है इसका नया वेरिएंट ‘निंबस’ (Nimbus), जिसे वैज्ञानिक नाम NB.1.8.1 दिया गया है। यह नया रूप अमेरिका और चीन समेत कई देशों में फैलना शुरू हो गया है और अब इसके मामले भारत में भी देखने को मिल रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स इसे एक गंभीर खतरे के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि इसके लक्षण तीव्र और असहज करने वाले हो सकते हैं।
कहां-कहां फैला है ‘निंबस’ वेरिएंट?
NB.1.8.1 वेरिएंट अमेरिका के वॉशिंगटन, न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और वर्जीनिया जैसे राज्यों में सामने आ चुका है। अमेरिका के CDC (Centers for Disease Control and Prevention) के मुताबिक, 7 जून 2025 तक सामने आए नए कोविड मामलों में से करीब 37% इस वेरिएंट से जुड़े थे। GISAID की रिपोर्ट के अनुसार, यह वेरिएंट कम से कम 13 अमेरिकी राज्यों में फैल चुका है। चीन और कई एशियाई देशों में भी कोविड मामलों में तेजी इसी वेरिएंट के कारण देखी जा रही है।
निंबस वेरिएंट के लक्षण
निंबस के लक्षण अन्य कोविड वेरिएंट्स जैसे ही हैं, लेकिन इसमें कुछ अलग तरह की परेशानियां भी सामने आ रही हैं। इसके खास लक्षणों में शामिल हैं:
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तेज गले में खराश (जिसे लोग “रेज़र ब्लेड थ्रोट” कह रहे हैं)
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नाक बहना या बंद होना
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हल्का बुखार
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खांसी और सिर दर्द
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थकावट और बदन दर्द
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उल्टी, मतली या दस्त
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सांस लेने में तकलीफ (कुछ मामलों में)
इस वेरिएंट की सबसे खास बात यह है कि यह गले में ऐसी खराश पैदा करता है, जिसे लोग ब्लेड जैसी चुभन के रूप में अनुभव कर रहे हैं।
कितना खतरनाक है यह वेरिएंट?
NB.1.8.1 वेरिएंट इंसान के शरीर में मौजूद ACE2 रिसेप्टर से मजबूती से जुड़ता है, जिससे यह जल्दी और ज्यादा असरदार तरीके से शरीर में फैलता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वेरिएंट ज्यादा संक्रामक हो सकता है और लोगों को फिर से संक्रमित कर सकता है, भले ही उन्हें पहले कोविड हो चुका हो या उन्होंने वैक्सीन ली हो।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, यह वेरिएंट ओमिक्रॉन का उप-रूप है और अभी इसे “निगरानी के तहत वेरिएंट” के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका मतलब है कि अभी यह बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं माना जा रहा, लेकिन इसकी लगातार निगरानी की जा रही है।
क्या मौजूदा वैक्सीन असरदार हैं?
फिलहाल इस बात को लेकर निश्चित जानकारी नहीं है कि मौजूदा कोविड वैक्सीन इस वेरिएंट के खिलाफ कितनी प्रभावी हैं। हालांकि, WHO के अनुसार मौजूदा टीके गंभीर बीमारी को रोकने में अब भी असरदार माने जाते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, NB.1.8.1 वेरिएंट कुछ हद तक इम्यूनिटी को चकमा देने की क्षमता रखता है, जिससे यह पहले संक्रमित हो चुके या वैक्सीन ले चुके लोगों को भी दोबारा बीमार कर सकता है।
सतर्क रहें, घबराएं नहीं
फिलहाल इस वेरिएंट को लेकर घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। अगर किसी को तेज गले में खराश, बुखार या खांसी जैसे लक्षण दिखें, तो टेस्ट जरूर करवाएं और डॉक्टर से संपर्क करें। मास्क पहनना, भीड़ से बचना और नियमित हाथ धोना अब भी सबसे जरूरी सुरक्षा उपाय हैं।
निंबस वेरिएंट भले ही तेजी से फैल रहा हो, लेकिन समय पर पहचान और सतर्कता से इससे बचाव संभव है।