
12 जून को अहमदाबाद में हुआ भयानक विमान हादसा अब भी पूरे देश को झकझोर रहा है। हादसे में मारे गए लोगों की पहचान का काम लगातार जारी है। शनिवार को अधिकारियों ने बताया कि अब तक 247 शवों की डीएनए जांच से पहचान हो चुकी है और इनमें से 232 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं।
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा उस समय हुआ जब लंदन जा रहा एक विमान अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद नियंत्रण खो बैठा और मेघाणीनगर इलाके में स्थित एक हॉस्टल परिसर पर जा गिरा। इस भयानक दुर्घटना में कुल 270 लोगों की मौत हो गई। विमान में 241 यात्री और क्रू सदस्य सवार थे, जबकि बाकी मृतक हॉस्टल में रह रहे छात्र या कर्मचारी थे। हादसे में केवल एक यात्री जीवित बच पाया, जिसका अस्पताल में इलाज जारी है।
फिल्म निर्माता महेश जिरावाला की पुष्टि
इस हादसे में अहमदाबाद के रहने वाले फिल्म निर्माता महेश जिरावाला की मौत की भी पुष्टि हो चुकी है। वे दुर्घटना के समय अपने स्कूटर से वहां से गुजर रहे थे। उनका स्कूटर भी आग में जल गया था। पहचान के लिए सिर्फ डीएनए ही नहीं, बल्कि जले हुए स्कूटर के इंजन और चैसिस नंबर, और घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज की भी मदद ली गई।
डीएनए जांच का बारीकी से काम
अहमदाबाद सिविल अस्पताल के डॉक्टर राकेश जोशी ने बताया कि 247 मृतकों की पहचान डीएनए मिलान से की गई है। इनमें 187 भारतीय, 52 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल हैं। भारतीय मृतकों में गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, दीव और नागालैंड के निवासी थे।
8 मामलों में परिजनों के पहले लिए गए डीएनए सैंपल से मिलान नहीं हो पाया, इसलिए अन्य रिश्तेदारों से सैंपल मंगवाए जा रहे हैं। डॉक्टर जोशी ने बताया कि पहचान के लिए सबसे पहले पिता, पुत्र या पुत्री के सैंपल लिए जाते हैं। अगर ये उपलब्ध नहीं होते, तो भाई-बहन के सैंपल से मिलान किया जाता है।
डीएनए मिलान में कौन कर रहा मदद?
डीएनए जांच एक बेहद संवेदनशील और सटीक प्रक्रिया है। इसे पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत तेजी से पूरा करने के लिए फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग और अन्य प्रशासनिक एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं।
आखिरी विदाई में उमड़ा जनसैलाब
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में दीपक पाठक और पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ में इरफान शेख को भावुक विदाई दी गई। दीपक पिछले 11 वर्षों से एक राष्ट्रीय एयरलाइन में काम कर रहे थे और हादसे के समय विमान में मौजूद थे। उनका अंतिम संस्कार हजारों लोगों की मौजूदगी में किया गया।
इरफान शेख के पार्थिव शरीर को डीएनए मिलान के बाद उनके परिजनों को सौंपा गया। अंतिम संस्कार में परिवार के साथ-साथ मित्र, पड़ोसी और कई राजनीतिक प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
यह हादसा न केवल एक तकनीकी त्रुटि का नतीजा था, बल्कि कई परिवारों की दुनिया उजाड़ गया। सरकार और एजेंसियां मृतकों की पहचान और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ पूरा कर रही हैं। हादसे की पूरी जांच अभी जारी है और उम्मीद है कि दोषियों की पहचान जल्द की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियां रोकी जा सकें।