
पंजाब पुलिस ने राज्य में नशे के जाल को तोड़ने के लिए एक ज़बरदस्त अभियान चलाया है। इस मिशन का नाम है ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’, जो पिछले 112 दिनों से पूरे राज्य में सक्रिय है। इस मिशन के तहत न सिर्फ तस्करों पर कड़ा शिकंजा कसा जा रहा है, बल्कि युवाओं को नशा छोड़ने और नशामुक्त जीवन अपनाने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है।
अब तक की बड़ी उपलब्धियाँ:
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पंजाब भर में 481 जगहों पर छापेमारी की गई।
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117 नशा तस्कर गिरफ्तार किए गए।
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अब तक कुल 84 मुकदमे दर्ज हुए हैं।
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पुलिस ने 7.5 किलोग्राम हेरोइन, 500 ग्राम अफीम और करीब 39,640 रुपए ड्रग मनी जब्त की है।
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इस पूरे मिशन के दौरान अब तक कुल 18,524 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस बल की जबरदस्त तैयारी:
इस बड़े अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं 87 एस.पी./डी.एस.पी. रैंक के अधिकारी, जिनके साथ काम कर रहे हैं 1300 से अधिक पुलिसकर्मी। 200 से ज्यादा पुलिस टीमें पूरे राज्य में लगातार सक्रिय हैं। अब तक 501 संदिग्ध व्यक्तियों को जांच के लिए रोका गया है।
नशामुक्ति की पहल:
पुलिस का यह मिशन केवल तस्करों की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है। इसके तहत 74 लोगों को नशामुक्ति केंद्रों में इलाज के लिए भेजा गया, ताकि वे एक स्वस्थ और नई ज़िंदगी की शुरुआत कर सकें। यह दिखाता है कि पुलिस केवल सज़ा नहीं, बल्कि समाधान की दिशा में भी कदम उठा रही है।
मिशन का उद्देश्य:
इस मिशन का मुख्य मकसद है –
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नशे के अवैध कारोबार को जड़ से खत्म करना।
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युवाओं को नशे से दूर रखना।
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समाज में जागरूकता फैलाना कि नशा न केवल व्यक्ति को, बल्कि पूरे परिवार और समाज को बर्बाद कर देता है।
पंजाब पुलिस ने यह साबित कर दिया है कि अगर संकल्प मजबूत हो तो कोई भी बुराई ज्यादा दिन टिक नहीं सकती। ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान न केवल एक पुलिस एक्शन है, बल्कि यह पंजाब को एक स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है।