
पंजाब की राजनीति में एक बार फिर सबकी निगाहें लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर टिकी हुई हैं। इस सीट पर उपचुनाव के नतीजे आज (23 जून 2025) घोषित किए जाएंगे। मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हो चुकी है और पहले रुझान सुबह 9 बजे के आसपास आने शुरू हो जाएंगे। यह उपचुनाव राज्य में राजनीतिक दलों की स्थिति का आइना साबित हो सकता है।
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मुख्य मुकाबला: आप बनाम कांग्रेस
इस बार लुधियाना पश्चिम सीट पर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। हालाँकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने भी पूरी ताकत झोंकी है, लेकिन मुख्य टक्कर ‘आप’ और कांग्रेस के बीच है।
‘आप’ की ओर से इस उपचुनाव में संजीव अरोड़ा मैदान में हैं। 61 वर्षीय अरोड़ा राज्यसभा सांसद हैं और लुधियाना के एक जाने-माने उद्योगपति भी हैं। वे सामाजिक कल्याण कार्यों के लिए भी प्रसिद्ध हैं। वहीं कांग्रेस ने भारत भूषण आशु को टिकट दिया है, जो पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रह चुके हैं। उनकी उम्र 51 वर्ष है और वे पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
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BJP और SAD की रणनीति
BJP की ओर से वरिष्ठ नेता और पंजाब भाजपा की कोर कमेटी के सदस्य जीवन गुप्ता को टिकट दिया गया है। वहीं शिरोमणि अकाली दल ने वकील और लुधियाना बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष परुपकार सिंह घुम्मन को उम्मीदवार बनाया है। दोनों पार्टियां शहरी वोटबैंक को लुभाने की कोशिश कर रही हैं।
यह चुनाव BJP के लिए शहरी इलाकों में अपने पांव जमाने का मौका है, जबकि SAD के लिए यह अस्तित्व बचाने की लड़ाई जैसा है। लगातार हारों के बाद अकाली दल के लिए यह उपचुनाव एक बड़ा इम्तिहान है, खासकर पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की साख दांव पर है।
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वोटिंग प्रतिशत और मतदाताओं की भागीदारी
इस उपचुनाव में 19 जून को मतदान हुआ था। लगभग 1.75 लाख मतदाताओं में से केवल 51.33 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला। यह 2022 के विधानसभा चुनाव की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत कम है, तब 64% मतदान हुआ था। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक कम मतदान से नतीजे प्रभावित हो सकते हैं।
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चुनाव की पृष्ठभूमि
यह उपचुनाव आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के निधन के कारण कराया गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस चुनाव को ‘विनम्रता बनाम अहंकार’ की लड़ाई बताया था। उन्होंने कहा था कि संजीव अरोड़ा सादगी और जनसेवा का प्रतीक हैं, जबकि विपक्षी नेता अहंकार और सत्ता की राजनीति का चेहरा हैं।
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क्या कहता है यह उपचुनाव?
इस उपचुनाव का महत्व सिर्फ लुधियाना पश्चिम तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे पूरे पंजाब की राजनीतिक दिशा का संकेत मिलेगा। क्या ‘आप’ फिर से जनता का भरोसा जीत पाएगी? क्या कांग्रेस वापसी कर पाएगी? या फिर BJP और SAD कुछ नया कर दिखाएंगे?
इन सभी सवालों के जवाब आज मिलेंगे। आप हमारे साथ बने रहें, क्योंकि जैसे-जैसे रुझान और नतीजे आएंगे, हम आपको हर अपडेट देंगे –
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