
ईरान और इज़राइल के बीच बीते 12 दिनों से जारी तनावपूर्ण युद्ध पर अब विराम लगने की बात कही जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर (युद्धविराम) पर सहमति बन गई है। हालांकि, इस घोषणा के साथ ही कई सवाल और विरोधाभास भी सामने आ रहे हैं।
न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने सीधे इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत की, जिसके बाद इज़राइल युद्ध रोकने पर राज़ी हुआ। लेकिन उन्होंने एक शर्त भी रखी –
> “अगर ईरान आगे कोई हमला नहीं करेगा, तभी इज़राइल सीजफायर स्वीकार करेगा।”
गौरतलब है कि हाल ही में इज़राइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था, जिसके जवाब में ईरान ने भी कई इज़राइली ठिकानों को निशाना बनाया। इस हमले-पलटवार की कड़ी में अब तक कई जानें जा चुकी हैं और दोनों देशों के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण रहे हैं।
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अमेरिका ने निभाई मध्यस्थ की भूमिका
ट्रंप के मुताबिक, इस समझौते के पीछे अमेरिका की गहरी भूमिका रही है। सीजफायर की कोशिशों के लिए उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने ईरानी पक्ष से कई स्तर पर बातचीत की।
इन चर्चाओं में युद्ध की गंभीरता, नुकसान और भविष्य की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। अमेरिका चाहता था कि यह युद्ध और न बढ़े, जिससे मिडिल ईस्ट में स्थिरता बनी रहे।
—ईरान की चुप्पी और विरोधाभास
ट्रंप और अमेरिकी मीडिया के दावों के विपरीत, ईरान की तरफ से मिली जानकारी कुछ और ही संकेत देती है। एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने बताया कि तेहरान को अमेरिका से कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान को अभी तक इज़राइल या वाशिंगटन से दुश्मनी खत्म करने की कोई ठोस वजह नजर नहीं आती।
उनका कहना है:
> “इस समय अमेरिका और इज़राइल, ईरान के खिलाफ आक्रामक रुख अपना रहे हैं। हम अपने जवाबी हमलों को तेज़ करने की तैयारी में हैं और किसी के झूठे वादों पर भरोसा नहीं कर सकते।”
ईरानी अधिकारी ने यह भी दावा किया कि अमेरिका और इज़राइल की तरफ से जो बातें कही जा रही हैं, वो सिर्फ दुनिया को भ्रमित करने और अपने हमलों को सही ठहराने का एक “राजनीतिक नाटक” हो सकती हैं।
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क्या सच में थमेगा युद्ध?
ट्रंप की घोषणा ने जहां एक ओर उम्मीद की किरण जगाई है, वहीं ईरान की प्रतिक्रिया ने पूरी तस्वीर को उलझा दिया है। यदि वास्तव में सीजफायर लागू होता है, तो यह मिडिल ईस्ट के लिए राहत की खबर होगी।
लेकिन जब तक ईरान और इज़राइल दोनों की ओर से औपचारिक पुष्टि नहीं होती, तब तक यह शांति की बात अधूरी और राजनीतिक चालबाज़ी से भरी लग रही है।
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ईरान-इज़राइल के बीच सीजफायर की खबरें तो आ रही हैं, लेकिन शर्तें, संदेह और सच्चाई के बीच जंग अभी भी जारी है। आने वाले 24 घंटे अहम होंगे—शायद शांति आए, या फिर तनाव और गहरा हो जाए। दुनिया एक बार फिर सांस रोककर देख रही है कि अगला कदम कौन सा होगा – शांति या फिर संग्राम।