UP News: समाजवादी पार्टी के मेरठ से विधायक रफीक़ अंसारी मंगलवार रात को 57 दिन जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा हो गए। उन्हें 18 जुलाई को उच्च न्यायालय ने जमानत दी थी, लेकिन विवादित टिप्पणियों के चलते उनकी रिहाई पर रोक लगा दी गई थी। पुलिस अन्य मामलों का रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं कर सकी।
1992 में हापुर रोड पर मीट की दुकानों को लेकर अंसारी और कुरेशी समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए थे। इस दौरान भीड़ ने तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इस मामले में लिसाड़ी गेट और नौचंदी थानों में आईपीसी की धारा 147, 427 और 436 के तहत दो मामले दर्ज किए गए थे।
जांच के दौरान, पुलिस ने वर्तमान पार्षद रफीक अंसारी और हाजी बुंदू को भी आरोपी बनाया। 1995 में, पुलिस ने 22 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की। रफीक अंसारी कोर्ट में पेश नहीं हुए, जिसके कारण 1997 में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए। इसके बाद, 101 गैर-जमानती वारंट जारी किए गए। सीआरपीसी की धारा 82 के तहत अटैचमेंट प्रक्रिया के बावजूद, रफीक अंसारी कोर्ट में पेश नहीं हुए। उच्च न्यायालय के जस्टिस संजय कुमार सिंह ने डीजीपी को निर्देशित किया कि रफीक अंसारी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए गैर-जमानती वारंट की तामील सुनिश्चित की जाए। अगर यह अभी तक तामील नहीं हुआ है, तो अगली तारीख को एक अनुपालन हलफनामा दायर किया जाएगा।
कोर्ट ने मामले को 28 मई के लिए सूचीबद्ध किया, ताकि अनुपालन हलफनामे को दायर किया जा सके। पुलिस ने 27 मई को बाराबंकी से विधायक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने रफीक अंसारी को जेल भेज दिया।
रफीक अंसारी, जो 101 गैर-जमानती वारंट के मामले में 53 दिन जेल में रहे, को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है, लेकिन अब उन्हें विवादित बयान के मामले में भी जमानत लेनी होगी। इस मामले में कोर्ट ने उन्हें रिमांड पर भेजा है।
पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मामले में भी चार्जशीट दायर की है। 2022 विधानसभा चुनावों में, समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रफीक अंसारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। रफीक ने चुनावी सभा में बीजेपी सरकार पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि मेरठ के मुसलमान कभी भी डरते नहीं रहे और भविष्य में भी नहीं डरेंगे।
पिछले पांच वर्षों में सरकार मुसलमानों को दबा रही है। इस मामले में, नौचंदी पुलिस स्टेशन ने रफीक अंसारी के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की थी। हाल ही में, नौचंदी पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मामले में कोर्ट में चार्जशीट दायर की। इसके बाद, कोर्ट ने रफीक अंसारी को जेल से रिमांड पर बुलाया।