Ayodhya Rape Case: अयोध्या जिले के महिला अस्पताल में रेप पीड़िता का इलाज एक विशेष टीम द्वारा किया जा रहा है। उसकी खून की कमी के कारण विशेष ध्यान उसकी डाइट पर दिया जा रहा है। डॉक्टरों की सलाह पर उसे अस्पताल के मेनू के साथ-साथ बाहर से भी पौष्टिक खाद्य सामग्री दी जा रही है।
14 साल की लड़की, जो भदरस के पुराकलंदर थाना क्षेत्र में गैंग रेप की शिकार हुई थी और गर्भवती हो गई थी, को बेहतर इलाज के लिए 5 अगस्त को केजीएमयू भेजा गया था। वहां गर्भपात के बाद कुछ सुधार होने के बाद उसे शुक्रवार की शाम को फिर से जिला महिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।
उसके इलाज और डाइट की विशेष देखरेख की जा रही है। उसे चौथे मंजिल के प्राइवेट वार्ड में तैनात किया गया है और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। प्रत्येक शिफ्ट में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ तैनात की गई है। इसके अलावा, डॉक्टर और सामान्य सर्जन से ऑन-काल पर सलाह ली जा रही है।
दो स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वॉय और सफाईकर्मी उसकी देखभाल के लिए तैनात किए गए हैं। जैसे ही वह प्रशासनिक कार्य से फुर्सत पाती हैं, CMS खुद मरीज से मिलती हैं और उसकी तबियत के बारे में जानकारी लेती हैं। शनिवार सुबह उसे दूध, ब्रेड और दलिया दिया गया। इसके बाद, दाल दी गई और दोपहर में तहरी, रोटी और सलाद दिया गया। फलों और अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों को भी बीच-बीच में दिया जा रहा है।
CMS डॉ. विभा कुमारी ने कहा कि पीड़िता के बेहतर इलाज और भोजन की व्यवस्था की गई है। ड्यूटी पर तैनात स्टाफ को पीड़िता की इच्छाओं के अनुसार मेडिकल सलाह लेने और बेहतर भोजन व्यवस्था करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। वह खुद भी इलाज और डाइट की निगरानी कर रही हैं। अब किशोरी की हालत सामान्य है।
गैंग रेप की शिकार 14 साल की लड़की गर्भवती हो गई थी और उसके गर्भ में 12 हफ्ते का भ्रूण था। 29 जुलाई को एसपी नेता मोईद खान और उनके नौकर राजू खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और उन्हें जेल भेजा गया था।
इसके बाद, पीड़िता को 31 जुलाई को जिला महिला अस्पताल में भर्ती किया गया। किशोरी और उसके परिवार ने गर्भपात के लिए सहमति दी, और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने भी सिफारिश दी। गर्भपात के दौरान किशोरी की जान को भी खतरा बताया गया था। महिला अस्पताल में जोखिम वाले इलाज के बेहतर इंतजाम नहीं थे, इसलिए किशोरी को 5 अगस्त को केजीएमयू लखनऊ रेफर किया गया। वहां गर्भपात के बाद और डीएनए सैंपल लेने के बाद उसकी हालत में थोड़ी सुधार आई और उसे शुक्रवार की शाम को जिला महिला अस्पताल में वापस भर्ती किया गया।
महिला अस्पताल की CMS, डॉ. विभा कुमारी ने कहा कि किशोरी की हालत अब खतरे से बाहर है। उसे प्राइवेट वार्ड में सुरक्षा के कड़े इंतजामों के साथ शिफ्ट किया गया है। डॉक्टरों की टीम लगातार उसका इलाज और देखभाल कर रही है। वह खुद भी इलाज की निगरानी कर रही हैं।