कांग्रेस नेता Priyanka Gandhi वाड्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार की सोशल मीडिया पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि इस पॉलिसी में न्याय की मांग करने वाली महिलाओं की आवाज किस श्रेणी में आएगी? 69,000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले में उठाए गए सवाल किस श्रेणी में आएंगे? और बीजेपी सरकार की पोल खोलने वाले बीजेपी नेताओं और विधायकों की आवाज किस श्रेणी में आएगी?
‘तुम दिन को रात कहो, वरना हवालात’ की नीति
Priyanka Gandhi ने इस पॉलिसी को सच्चाई दबाने का एक और तरीका बताया। उन्होंने कहा कि क्या बीजेपी लोकतंत्र और संविधान को कुचलने के अलावा कुछ और सोच सकती है?
विज्ञापन के लिए दो साल तक सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना जरूरी
उत्तर प्रदेश सरकार ने डिजिटल मीडिया पॉलिसी-2024 जारी की है, जिसे मंगलवार को कैबिनेट ने मंजूरी दी। इस पॉलिसी के तहत डिजिटल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स, कंटेंट राइटर्स या संबंधित एजेंसियों को विज्ञापन के लिए कम से कम दो साल से सक्रिय होना जरूरी है। इससे सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
फेसबुक पर 10 लाख, 5 लाख, 2 लाख और 1 लाख सब्सक्राइबर या फॉलोअर्स के आधार पर चार श्रेणियां तय की गई हैं। इसी तरह, अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए भी सब्सक्राइबर या फॉलोअर्स के आधार पर श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। जारी पॉलिसी में कहा गया है कि अगर कोई कंटेंट राष्ट्रविरोधी, समाजविरोधी, अश्लील या समाज के विभिन्न वर्गों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला पाया जाता है, या सरकार की योजनाओं को गलत इरादे से प्रस्तुत करता है, तो ऐसे मामलों में भुगतान संबंधित शर्तों को पूरा करने के बावजूद भुगतान को रोका जा सकता है।
हालांकि, आपत्तिजनक पोस्ट पर आपराधिक कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। लेकिन, पहले से मौजूद कानूनों के दायरे में आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे मामलों में विज्ञापन के लिए पंजीकरण भी रद्द किया जा सकता है। सूचना निदेशक को कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार भी दिया गया है।