दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जब से इस्तीफे की घोषणा की है, तब से दिल्ली की सियासत में हलचल मच गई है। रविवार को पार्टी ऑफिस में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि वे अगले दो दिन में सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। इसके बाद से कई सवाल उठने लगे हैं—दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इस्तीफा तुरंत क्यों नहीं दिया? दो दिन का वक्त क्यों लिया? और विधानसभा भंग क्यों नहीं की गई?
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे को एक मास्टरस्ट्रोक बताया है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली में कई महत्वपूर्ण काम किए हैं, जैसे कि अच्छे स्कूल और अस्पताल बनवाना, बुजुर्गों की तीर्थयात्रा को फ्री कराना, माताओं और बहनों के लिए बस यात्रा को मुफ्त करना, और बिजली-पानी को फ्री प्रदान करना। इसके बावजूद, केजरीवाल ने मुनाफे का बजट पेश किया। संजय सिंह ने भरोसा जताया कि केजरीवाल जनता के बीच जाकर अपनी ईमानदारी को साबित करेंगे और जनता उन्हें ईमानदारी का प्रमाण पत्र देंगे।
केजरीवाल ने क्यों नहीं भंग की विधानसभा?
संजय सिंह ने आगे कहा कि वे विश्वास करते हैं कि दिल्ली की जनता चुनाव में अरविंद केजरीवाल को प्रचंड बहुमत के साथ जीत दिलाएगी और उनकी ईमानदारी पर मुहर लगाएगी। जब संजय सिंह से पूछा गया कि केजरीवाल को नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए विधानसभा भंग करने की सिफारिश क्यों नहीं की गई, तो उन्होंने जवाब दिया कि विधानसभा भंग करने का सवाल ही नहीं है। उनके अनुसार, यदि विधानसभा भंग की जाती है, तो बीजेपी राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रयास कर सकती है, जो दिल्ली के लिए अस्थिरता ला सकता है। इसलिये, उन्होंने ऐसा कदम उठाने की बजाय चुनाव आयोग से जल्द चुनाव कराने की अपील की है।
संजय सिंह ने कहा कि विधानसभा भंग करने की स्थिति में बीजेपी राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रयास कर सकती है, जिसकी अवधि और स्थिरता का कोई अनुमान नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी का काम खरीद-फरोख्त, तोड़फोड़, सरकारें गिराना और राष्ट्रपति शासन लगाना है। सिंह ने सुझाव दिया कि चुनाव आयोग ही तय करे कि चुनाव कब कराए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री एक देश, एक चुनाव की बात करते हैं, लेकिन दिल्ली के चुनाव को लेकर भी जल्द निर्णय लिया जाना चाहिए।
नवंबर में ही चुनाव कराने की मांग
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में नवंबर में ही विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 तक है, लेकिन पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग को महाराष्ट्र और झारखंड के साथ-साथ दिल्ली में भी विधानसभा चुनाव कराना चाहिए। उनका तर्क है कि इससे दिल्ली की जनता को जल्दी निर्णय लेने का मौका मिलेगा और सियासी अस्थिरता समाप्त होगी।
अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा था?
अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि वे दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण बताया कि बीजेपी ने उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और उन्होंने राजनीति में आने का उद्देश्य साफ-सुथरी राजनीति करना था। केजरीवाल ने कहा कि वे अग्नि परीक्षा के लिए तैयार हैं और जनता के बीच जाकर अपनी ईमानदारी साबित करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जनता उन्हें ईमानदार मानती है, तो उन्हें वोट दें, अन्यथा न दें। उन्होंने यह भी कहा कि जब जनता उन्हें जीताएगी, तभी वे फिर से सीएम की कुर्सी संभालेंगे।